एक ट्रक कोयला लोड कराने में खर्च होता है 13 हजार

राजेश्वर/राकेश कुजू(रामगढ़) सीसीएल कुजू क्षेत्र के करमा लोकल सेल का खेल निराला है। सी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Nov 2020 09:34 PM (IST) Updated:Tue, 17 Nov 2020 09:34 PM (IST)
एक ट्रक कोयला लोड कराने में खर्च होता है 13 हजार
एक ट्रक कोयला लोड कराने में खर्च होता है 13 हजार

राजेश्वर/राकेश कुजू(रामगढ़) : सीसीएल कुजू क्षेत्र के करमा लोकल सेल का खेल निराला है। सीसीएल से स्पोर्ट ई-ऑक्शन में कोयला लेने के बाद उठाव के लिए शिफ्टरों को पैसा देने के साथ ही डीओ धारकों को जी हजूरी करना पड़ता है। डीओ धारकों ने बताया कि सीसीएल स्पोर्ट ई ऑक्शन में कोयला लेने के बाद उठाव के लिए लिफ्टरों को डीओ दिया जाता है। लिफ्टर कोयला लोड कराने के लिए शिफ्टर रखते हैं, जो कोलयरी में ट्रकों पर कोयला लोड कराने का कार्य करते है। करमा कोलयरी में सीसीएल द्वारा कोयला उत्पादन कर जगह जगह स्टॉक किया जाता है। इस पर शिफ्टरों द्वारा आधिपत्य जमा लिया जाता है। फिर जो डीओ धारक प्रति ट्रक 15 सौ से दो हजार रुपये देते हैं। उनकी ही ट्रक को लोडकर निकाल दिया जाता है। वरना ट्रक एक सप्ताह तक कोलियरी के अंदर-बाहर होते रहता है। इस पर सीसीएल प्रबंधन केवल मूकदर्शक बनी रहती है। जबकि डीओ धारकों द्वारा लोडिग के नाम पर प्रति ट्रक 7,900 रुपये दिया जाता है। इसमें सेल संचालन समिति द्वारा विस्थापित व मजदूरों के नाम पर चार हजार छह सौ लिया जाता है। बाकी बचे 3300 रुपये का लिफ्टर व सीसीएल प्रबंधन बंदरबांट करते हैं। इसके अलावे खर्च के नाम पर बाहर के ट्रकों से करीब पांच हजार रुपये और लोकल ट्रक से 35 सौ रुपये लिए जाते हैं। इसमें सीसीएल प्रबंधन को? 16 सौ रुपये दिए जाते हैं और शेष बचे रुपये को सेल समिति, लिफ्टर व प्रबंधन गटकते हैं। सूत्र बताते हैं कि गत सोमवार को सेल समिति, प्रबंधन व लिफ्टरों का गुपचुप बैठक हुई। इसमें कहा गया कि लोकल ट्रक को किसी तरह की परेशानी न हो और जो रुपये शिफ्टरों द्वारा लिया जा रहा है। उसमें सभी की भागदारी निश्चित की जाए।

कोट ट्रकों से शिफ्टरों द्वारा लिए जाने वाले रुपये व अन्य खर्च के संबंध में जानकारी नहीं है। पता करने के बाद ही बता सकते हैं।

आनंद मोहन, करमा परियोजना पदाधिकारी

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