भूख से नहीं बीमारी से हुई रामगढ़ में युवक की मौत

झारखंड के रामगढ़ में एक युवक की मौत हो गई। पहले भूख से हुई मौत की बात सामने आई। बाद में पड़ताल करने पर मालूम हुआ कि युवक पीलिया रोग से पीड़ित था।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Wed, 25 Jul 2018 01:49 PM (IST) Updated:Wed, 25 Jul 2018 05:51 PM (IST)
भूख से नहीं बीमारी से हुई रामगढ़ में युवक की मौत
भूख से नहीं बीमारी से हुई रामगढ़ में युवक की मौत

रामगढ़, जेएनएन। झारखंड के रामगढ़ में एक युवक की मंगलवार की रात मौत हो गई। पहले भूख से हुई मौत की बात सामने आई। बाद में पड़ताल करने पर मालूम हुआ कि युवक पीलिया रोग से पीड़ित था। घर के बरामदे में बोरी में अनाज व दवा की बोतल इस बात की पुष्टि कर रही थी कि भूख से नहीं बीमारी से मौत हुई है। 

जानकारी के मुताबिक, मंगलवार की रात माडू प्रखंड की नावाडीह पंचायत के जरहिया निवासी राजेंद्र बिरहोर (40) की भूख से मौत हो गई। राजेंद्र की पत्‍‌नी शांति देवी के मुताबिक, उसके पति की मौत भूख से हुई है। शांति का कहना है कि उसके पति के शव को देख लीजिए आपको स्वत: अंदाजा हो जाएगा कि मेरे घर की हालत क्या है।

विलाप करते राजेन्द्र बिरहोर के परिजन। 

इधर, इस घटना की जानकारी बुधवार की सुबह जैसे ही मिली, जनप्रतिनिधियों के साथ आनन-फानन में माडू प्रखंड मुख्यालय से बीडीओ मनोज कुमार गुप्ता, सीओ ललन कुमार, सीआइ संजीव भारती आदि राजेंद्र के घर पहुंच गए। राजेंद्र के भाई गोतिया ने बताया कि राजेंद्र को बीते दिनों पीलिया हो गया था। इसी बीमारी के चलते उसकी मौत हुई है। हालांकि राजेंद्र की पत्‍‌नी, बेटियों सहित घर की हालात देखकर लोग स्वत: शांति देवी के भूख से मौत होने के दावे पर अपनी मुहर लगा रहे थे। 

राजेन्द्र की भूख से हुई मौत के बाद जांच-पड़ताल करते अधिकारी।

लगभग एक माह पहले 14 जून, 2018 को क्षेत्र के कुंदरिया बस्ती आरा में चिंतामण मल्हार (40) ने भूख से दम तोड़ दिया था।  

गौरतलब है कि झारखंड में अब तक भूख से कई लोगों की मौत हो चुकी है। चतरा, गिरिडीह और सिमडेगा में भी भूख से कई लोगों की जान जा चुकी है। इस मसले पर विपक्ष ने सरकार को ज

राजेंद्र बिरहोर के घर के अंदर कमरे में बोरे में अनाज और बगल में दवा की बोतल।

चतरा में महिला की भूख से मौत 
पिछले माह चतरा में कचरा बीनने वाली महिला की भूख से मौत हो गई थी। महिला की पहचान मीना मुसहर (45) के रूप में हुई थी। वह बिहार के गया जिले के बाराचट्टी की मूल निवासी थी। फिलहाल, वह चतरा के इटखोरी स्थित प्रेमनगर मोहल्ले के आसपास रहती थी। महिला के बेटे गौतम मुसहर के अनुसार, उसने और उसकी मां ने पिछले चार दिनों से कुछ नहीं खाया था। 

गिरिडीह में भूख से महिला की मौत
झारखंड में गिरिडीह जिले के मंगरगड्डी गांव में 58 वर्षीय महिला सावित्री देवी की भूख से मौत हो गई। पिछले तीन दिनों से उनके घर में चूल्हा नहीं जला था। बहुएं अगल-बगल के घरों से उधार चावल लाकर अपने बच्चों का किसी तरह पेट पाल रही थीं। चार दिनों तक भूख से तड़पने के बाद शनिवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे जीवन से लड़ने की उनकी क्षमता खत्म हो गई और उनके प्राण निकल गए। भूख से महिला की मौत की बात रविवार की सुबह सामने आई। बेटे के इंतजार में शव घर पर ही पड़ा था। उनके दो बेटे हैं और दोनों बाहर थे। सूचना पाकर रविवार की सुबह उनका छोटा बेटा हुलास महतो पहुंचा। दोनों भाई रोजगार के लिए कुछ दिन पूर्व ही घर से बाहर निकले हैं। अब तक वे अपने घर एक फूटी कौड़ी भी भेज नहीं पाए थे। महिला के पति द्वारिका महतो की 10 साल पहले मौत हो चुकी थी।

सिमडेगा की संतोषी की मौत के बाद भी नहीं चेती सरकार
इससे पहले सिमडेगा जिले के करीमती गांव में पिछले साल सितंबर में 11 वर्षीय संतोषी की भूख से मौत हो गई थी। परिवार का राशन कार्ड आधार से लिंक न होने की वजह से राशन नहीं मिल पा रहा था। इस वजह से घर के सदस्य भूखे रहने को मजबूर थे। सरकार फिर भी नहीं चेती तथा एक और मौत भूख के कारण हो गई।

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