तूल पकड़ा इंदिरा गांधी श्रमिक कॉलेज के प्राचार्य को सेवामुक्त करने का मामला

मांडू स्थित इंदिरा गांधी श्रमिक कॉलेज में जारी विवाद गहराता जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Jun 2020 07:05 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 07:05 PM (IST)
तूल पकड़ा इंदिरा गांधी श्रमिक कॉलेज के प्राचार्य को सेवामुक्त करने का मामला
तूल पकड़ा इंदिरा गांधी श्रमिक कॉलेज के प्राचार्य को सेवामुक्त करने का मामला

जागरण संवाददाता, रामगढ़ : मांडू स्थित इंदिरा गांधी श्रमिक कॉलेज में जारी विवाद गहराता जा रहा है। कॉलेज शासी निकाय के सचिव द्वारा प्राचार्य पर कई गंभीर आरोप लगाकर उन्हें सेवामुक्त करने के बाद विवाद का मामला तूल पकड़ लिया है। सचिव द्वारा सेवामुक्त करने के बाद प्राचार्य पीपी चंदन ने पलटवार करते हुए शनिवार को रामगढ़ में प्रेस वार्ता कर बताया कि उन्हें सचिव द्वारा सेवामुक्त करने की सूचना अखबारों में छपी खबर से मिली है। उन्हें लिखित रूप से कहीं से भी सेवामुक्त करने की सूचना नहीं दी गई है। एक षडयंत्र के तहत सचिव ने उन्हें मीडिया के माध्यम से सेवामुक्त करने की कार्रवाई गलत तरीके से की गई है। प्राचार्य ने कहा कि महाविद्यालय के विभिन्न कर्मियों द्वारा कॉलेज अवैध तरीके से कॉलेज का पैसा रखने व अन्य अनियमिता बरते जाने की सूचना उन्हेंने पूर्व में ही सचिव को लिखित रूप से विस्तार से दे दिया है। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि कॉलेज शासी निकाय के अध्यक्ष सह हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में गत 15 मार्च को बैठक हुई थी। इसमें कॉलेज में नए सचिव को प्रभार देने व बैंक खाते का निष्पादन करना था। इसके अलावा तीन मामलों का अंकेक्षण करना था। इस निर्णय के आलोक में सचिव ने अंकेक्षण कमेटी का गठन किया था। इसमें उन्होंने लिखित रूप से जबाव भी दे दिया था। लेकिन सचिव ने अपने अनुसार ऐसे कमेटी का गठन किया जिन्होंने उनके उपर हीं गबन करने का आरोप लगा दिया। कमेटी में कॉलेज में गबन के एक आरोपित को ही संयोजक बना दिया गया। एक साजिश के तहत उनपर गबन करने का आरोप लगा दिया गया। बिना जांच रिपोर्ट आए व अध्यक्ष व अध्यक्ष द्वारा प्रतिनियुक्त प्रतिनिधि को जानकारी या राय लिए बिना हीं उनपर कार्रवाई की गई। प्राचार्य ने बताया कि इस संबंध में अध्यक्ष सह सांसद जयंत सिन्हा द्वारा प्रतिनियुक्त प्रतिनिधि प्रकाश मिश्रा से आज ही उन्होंने कॉलेज के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के साथ मिला। इस क्रम में प्रकाश मिश्रा ने कहा कि इस प्रकरण में उनसे सचिव या शासी निकाय के किसी भी सदस्य द्वारा कोई राय नहीं ली गई है। और न ही सेवामुक्त करने की कोई जानकारी ही उन्हें है।

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