अभी तक नहीं हुई प्राथमिकी, लगातार बदल रहा आवेदन

संवाद सहयोगी रामगढ़ एमडीएम के चावल घोटाले को लेकर सुर्खियों में आए जिला का शिक्षा विभा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Jan 2021 08:29 PM (IST) Updated:Mon, 11 Jan 2021 08:29 PM (IST)
अभी तक नहीं हुई प्राथमिकी, लगातार बदल रहा आवेदन
अभी तक नहीं हुई प्राथमिकी, लगातार बदल रहा आवेदन

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : एमडीएम के चावल घोटाले को लेकर सुर्खियों में आए जिला का शिक्षा विभाग में ठीकठाक नहीं चल रहा है। आखिर अभी तक उपायुक्त के आदेश के बाद भी प्राथमिकी पतरातू टू के प्रभारी बीईईओ राजेंद्र प्रसाद शर्मा पर नहीं हो पाई है। जांच प्रतिवेदन की 103 कॉपी ओपी बरकाकाना में दी गई है। पहले दिन प्राथमिकी के लिए आवेदन में भी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकी है। सूत्र बताते है कि तीन दिन बीत जाने के बाद भी लगातार आवेदन को बदल-बदल कर लिखा जा रहा है। बरकाकाना ओपी प्रभारी रोशन कुमार ने कहा कि मामला गंभीर है। रिपोर्ट गंभीर हैं उसका अध्ययन किया जा रहा है। दस्तावेज ही दिया गया था। आवेदन अधूरा था। आज आवेदन दिया जा रहा है। मंगलवार तक प्राथमिकी दर्ज हो जाएगी। वहीं पतरातू वन में अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आ पा रही है। पूर्व के बीईईओ राजेंद्र प्रसाद शर्मा के अधीन वन और टू दोनों शैक्षणिक क्षेत्र था। इसमें वन में वे पदस्थापित बीईईओ थे। जबकि टू में प्रभारी। जब टू में उनसे प्रभार वर्तमान बीईईओ जयनाथ महतो ने लिया तो तुरंत चावल की जांच कर देखा की मामला गड़बड़ है। तो इसकी सूचना अधिकारियों को दी। वहीं वन में भी प्रभार लिए रामगढ़ के बीईईओ सुरेश चौधरी ने किसी प्रकार की कोई जांच नहीं की। मासिक रिपोर्ट भी क्यों दबाकर रखा गया

मासिक रिपोर्ट को भी दबा कर रखा गया । हर प्रखंड से हर स्कूल प्रत्येक महीना बीईईओ कार्यालय को मासिक रिपोर्ट सौंपता है। बीईईओ कार्यालय जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय को वह रिपोर्ट देता है। उसके बाद भी किस विद्यालय में खपत कम है और अचानक दूसरे माह में ज्यादा खपत बढ़ गया है। तो इसे देखकर भी विभाग का कान खड़ा नहीं हुआ ना ही संज्ञान में लिया गया। एक माह में हजारों क्विटल चावल बढ़ गई। एक क्विटल में करीब एक हजार बच्चा एमडीएम खाता है। तो क्या अचानक लाखों बच्चे बढ़ गए।

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आखिर कितना हुआ था जिले में आवंटन

2020-21 को जिले को कितना चावल आवंटन हुआ है। आखिर कितना छात्र संख्या दिया गया कि इतना चावल पतरातू टू को अचानक आवंटन हो गया। सूत्रों की माने तो इसमें भी हेराफेरी हुई है। जनवरी से मार्च, अप्रैल से जून और जुलाई से सितंबर तक कितना चावल हुआ था। इसे स्पष्ट करना चाहिए।

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