शिक्षा के साथ समाज निर्माण में जुटे हैं विद्या सागर शर्मा

सुनसान रहने वाला कन्या मध्य विद्यालय को कर दिया गुलजार क्विज प्रतियोगिता में 314 विद्यालयों में यह

By JagranEdited By: Publish:Fri, 31 Dec 2021 07:10 PM (IST) Updated:Fri, 31 Dec 2021 07:10 PM (IST)
शिक्षा के साथ समाज निर्माण में जुटे हैं विद्या सागर शर्मा
शिक्षा के साथ समाज निर्माण में जुटे हैं विद्या सागर शर्मा

सुनसान रहने वाला कन्या मध्य विद्यालय को कर दिया गुलजार

क्विज प्रतियोगिता में 314 विद्यालयों में यह विद्यालय अव्वल रहा।

फोटो: 31 डीजीजे 23 ,24 व 34 अरविद तिवारी, चैनपुर (पलामू): कहा गया है ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा मनुष्य की संचित पूंजी होती है। इसी के बल पर सफलता के मार्ग पर चलते हुए नया मुकाम हासिल किया जा सकता है। सफल व्यक्ति ही दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में कुछ ऐसा ही कर दिखाया हैं चैनपुर कन्या मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक विद्यासागर शर्मा। बच्चों को सुशिक्षित कर शिक्षित समाज के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। विद्यालय में मेहनत व लगन के बल पर उन्होंने समरसता का माहौल घोल दिया है। इससे कई मायनों में नया मानदंड स्थापित हुआ है। सूना सूना सा रहने वाला विद्यालय बच्चों की भरपूर उपस्थिति से गुलजार रहने लगा है। विद्यालय के कायाकल्प को लेकर प्रधानाध्यापक विद्यासागर शर्मा कहते हैं कि 2016 में प्रधानाध्यापक का प्रभार लिया। उनके समक्ष विद्यालय को सुचारू रूप से गतिमान करने की चुनौती खड़ी थी। प्रखंड मुख्यालय के घनी आबादी के बीचो बीच अवस्थित उनके विद्यालय की भूमि पर अतिक्रमण था। स्थानीय लोगों, पंचायत प्रतिनिधियों व अभिभावकों के सहयोग से विद्यालय की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया। उक्त स्थल पर किचन शेड का निर्माण कराया गया। इसके बाद कहीं जाकर विद्यालय व्यवस्थित हुआ। चर्चा करते हुए शर्मा बताते हैं कि एमडीएम को लेकर हमेशा विवाद होते रहता था। इसके निराकरण के लिए उन्होंने स्थानीय लोगों के सहयोग से राजनीति रहित विद्यालय प्रबंधन समिति गठित की। इसके बाद विद्यालय सुचारु रूप से संचालित होने लगा। बताया कि उनके कार्यकाल में विद्यालय की छात्र उपस्थिति 30 प्रतिशत थी। इससे बढ़ुाकर 85 प्रतिशत कराया। इसके लिए वे घर-घर गए। लोगों से बच्चों को स्कूल भेजने के लिए कहा। गहरी सांस छोड़ते हुए शर्मा कहते हैं कि उनके मन में विद्यालय को अलग पहचान दिलाने की अभिलाषा थी। इसे लेकर उन्होंने बच्चों के ड्रेस पर अलग से कन्या मध्य विद्यालय का लोगो लगवाया। बच्चों को ड्रेस पर लगा यह लोगो उन्हें अलग पहचान दिला रहा है। साथ ही विद्यालय के बच्चे गर्व से स्वयं को कन्या मध्य विद्यालय का विद्यार्थी बताते हैं। कोरोना काल में सरकार की ओर से प्रत्येक शनिवार को आयोजित की जाने वाली क्विज प्रतियोगिता में उनका विद्यालय 314 विद्यालयों में अव्वल रहा।

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