दृढ़ इच्छा शक्ति से ज्योति ने आंधियों मेंजलाया चिराग
आर्थिक तंगी व परिवारिक अभाव के बावजूद मेदिनीनगर डालटनगंज शहर के कन्नी राम चौक के निकट सब्जी बाजार क्षेत्र निवासी दीप ज्योति केबीसी में पहुंची। ज्योति में गजब का आत्मबल देखकर सदी के नायक अमिताभ बच्चन भी अभिभूत हो उठे। उन्होंने ज्योति की तारीफ की।
जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर, पलामू : आर्थिक तंगी के बावजूद मेदिनीनगर डालटनगंज शहर के कन्नी राम चौक के निकट सब्जी बाजार क्षेत्र निवासी दीप ज्योति केबीसी में पहुंचीं। ज्योति में गजब का आत्मबल देखकर सदी के नायक अमिताभ बच्चन भी अभिभूत हो उठे। उन्होंने ज्योति की तारीफ की। दीप ज्योति ने बुधवार को मां व बहन के साथ जागरण से विशेष बातचीत की। बताया कि पिता के अचानक लापता, बड़े भाई की हत्या होने व आर्थिक तंगी के बावजूद मां व मामा ने पूरे हौसले के साथ उनकी व बड़ी बहन की परवरिश की। मां व मामा ने समाज को दिखा दिया कि ²ढ़ इच्छा शक्ति हो तो आंधियों में चिराग जलते हैं। दुख-मुसीबत से घबराना नहीं चाहिए। बच्चों की बेहतर परवरिश करने का जज्बा हो तो मुश्किल रास्ते भी आसान हो जाते हैं। ईश्वर भी उन्हीं का साथ देते हैं जिनमें नेक ख्वाहिशात के साथ आगे बढ़ने-बढ़ाने की ललक होती है। उनके पिता विजय कुमार एक व्यवसायी थे। शहर के सब्जी बाजार में उनकी जेनरल व किराना दुकान थी। परिवार हंसी खुशी रह रहा था। वर्ष 2005 में व्यवसाय में घाटा होने के बाद पिता ऐसे लापता हुए कि वापस नहीं लौटे हैं। मां गीता देवी के हौसले व मामा बैजनाथ प्रसाद गुप्ता की समय-समय पर आर्थिक मदद से घर का सहारा मिला। ज्योति ने जागरण को बताया कि उनकी मां विकट परिस्थितियों में मजबूती के साथ समाज में डंटी रहीं। मेहनत,कोशिश व भाग्य ने सहारा दिया। पूरी प्रक्रिया अपनाने के बाद उनका चयन केबीसी में हुआ। 18 सितंबर को वे मां,बहन व मामा के साथ पटना से हवाई जहाज से मुम्बई पहुंची। वहां सोनी टीवी वालों ने रिसीव करके एक होटल में ठहराया। 19 सितंबर को गोरे गांव में शूटिग हुईं। फॉस्टेस्ट फिगर वर्क हुआ। उसमें वे सलेक्ट नहीं हो सकी। इसके बाद उन्हें बताया गया कि दूसरी शूटिग 28-30 को होगी। इसके बाद वे पटना वापस आ गई। फोन आने पर वे 27 सितंबर को फ्लाइट से पुन: मुम्बई पहुंची। वहां 28 सितंबर को हुईं शूटिग में फास्टेस्ट फिगर के जरिए सेलेक्ट हो गईं। इसके बाद केबीसी में सदी के नायक अमिताभ बच्चन सर के समक्ष हाट सीट पर बैठीं। उनके सवालों का जवाब देकर 25 लाख जीती। बताया कि उनका प्रतियोगिता के माध्यम से स्थानीय जवाहर नवोदय विद्यालय में छठी कक्षा में नामांकन हुआ। यहां से 2015 में 90.4 सीजीपीए हासिल कर दसवीं की परीक्षा पास की। इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने आइएससी की पढ़ाई के लिए उन्हें सिमडेगा जवाहर नवोदय विद्यालय भेजा। वहां 2017 में 86.4 प्रतिशत अंक लाकर आइएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की। अभी वह स्थानीय जीएलए कॉलेज से बीएससी पार्ट टू की परीक्षा दी है। बताया कि उनकी मां घरेलू महिला हैं। उनकी व बड़ी बहन की पढ़ाई पर मां ने पूरा ध्यान दिया। हां अब तकदीर ने साथ दिया है। बेहतर दिन लौट आएं हैं। मालूम हो कि यह परिवार 8-9 फिट चौड़े व 30-35 फिट लंबे मकान में रहते है। ज्योति के छोटे चाचा संतोष कुमार आलू का कारोबार करते हैं।