विकास के नाम उजाड़े गए 92 हजार गांव

By Edited By: Publish:Tue, 21 Feb 2012 09:55 PM (IST) Updated:Tue, 21 Feb 2012 09:55 PM (IST)
विकास के नाम उजाड़े गए 92 हजार गांव

मेदिनीनगर : आजादी के बाद से देश में विकास के नाम पर अब तक 92 हजार गांव उजड़ चुके हैं। सरकार की अदूरदर्शिता से इनके ही नुमांइदों द्वारा भूमि कानूनों का बडे़ पैमाने पर उल्लंघन हुआ है। भू अधिकार राष्ट्रीय जन संवाद यात्रा संवाद के माध्यम से इन विसंगतियों को दूर करने के उद्देश्य से निकाली गई है। संवाद से तस्वीर नहीं बदली तो संघर्ष का विकल्प खुला है।

उक्त बातें भारत सरकार से गठित राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद के सदस्य व एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज गोपाल ने कहीं। वे मंगलवार को स्थानीय परिषदन में संवाददाताओं से मुखातिब थे। बताया कि गत दो अक्तूबर से कन्याकुमारी से शुरू की गई यह यात्रा अब तक 135 जिलों से होते हुए 25 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी है। आगामी दो अक्तूबर तक देश के 24 राज्यों होते हुए 80 हजार किलोमीटर की पूरी तय करते हैं। उद्देश्य है भूमि समस्या को नजदीक से देख इसके समाधान के लिए सरकार को वास्तविकता बताना है। सरकार भूमि अधिग्रहण कानून बनाकर गरीबों की जमीन छीन रही है। आदिवासी संस्कृति के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इस प्रकार की अराजकता की छूट नहीं दी जा सकती है। जनसंगठनों के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। इसके लिए आगामी दो अक्तूबर से ग्वालियर से एक लाख लोग पैदल दिल्ली कूच करेंगे। उन्होंने खाद्य सुरक्षा पर सरकार की नीतियों पर प्रश्न उठाए। जनसंवाद यात्रा में विभिन्न राज्यों के बीस सदस्य शामिल हैं।

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