इस्लाम में खुदकुशी करना है हराम : हेफाजतुल्लाह

By Edited By: Publish:Mon, 25 Aug 2014 10:54 PM (IST) Updated:Mon, 25 Aug 2014 10:54 PM (IST)
इस्लाम में खुदकुशी करना है हराम : हेफाजतुल्लाह

मेदिनीनगर : इस्लाम में खुदकुशी (आत्महत्या) करना हराम है। ऐसे लोगों का ठिकाना जहन्नुम है। खुदकुशी करने वाले मुसलमान को मुस्लिम कब्रिस्तान में दफन नहीं करना चाहिए।

उक्त बातें अहले हदीस झारखंड के अमीर मो हेफाजतुल्लाह सल्फी ने कही। वे रविवार की रात स्थानीय मुस्लिमनगर स्थित उर्दू मिडिल स्कूल अहले हदीस की ओर से आयोजित इस्लाहे मुआशरा विषय पर बतौर मुख्य अतिथि विचार व्यक्त कर रहे थे। इसकी अध्यक्षता स्थानीय अहले हदीस मस्जिद के इमाम मौलाना इमरान सल्फी ने की। पटना के आलमगंज स्थित अहले हदीस मस्जिद के इमाम मौलाना शहाबुद्दीन ने हज के फराएज पर विस्तार से रौशनी डाली। कहा कि हज करने के लिए हलाल कमाई जरूरी है। औरंगाबाद के मदनपुर से आए मौलाना एकबाल कासमी ने कहा कि कुरआन से मुआशरे की इसलाह हो सकती है। बुराई को खत्म करने करने के लिए कुरआन को मजबूती से पकड़ना होगा। मौके पर मास्टर मोबीन, सरफराज आलम, एकबाल अहमद,नूर नबी, शफीकुर्रहमान,जेयाउल्लाह, सैयद नसीमुद्दीन, जया अनवर खां, औरंगजेब खां, नईम खां आदि उपस्थित थे।

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