पानी के लिए जमीन को खोखला कर रहे लोग

जासं पाकुड़ प्रदीप कुमार शहर की बैंक कॉलोनी में मकान बना रहे हैं। काम शुरू करने

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Mar 2019 09:05 AM (IST) Updated:Mon, 25 Mar 2019 09:06 AM (IST)
पानी के लिए जमीन को खोखला कर रहे लोग
पानी के लिए जमीन को खोखला कर रहे लोग

जासं, पाकुड़: प्रदीप कुमार शहर की बैंक कॉलोनी में मकान बना रहे हैं। काम शुरू करने के पहले उन्होंने डीप बोरिग कराई। जमीन में छह सौ फीट नीचे तक पाइप लगाया फिर भी पानी की धार नहीं मिली। हजारों रुपये खर्च करने के बाद भी उन्हें निराशा हाथ लगी। प्रदीप तो एक बानगी हैं। शहर के ऐसे दर्जनों लोग हैं जिन्होंने पानी के लिए रुपये बहाए है। लेकिन, इन लोगों को पानी की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है।

दरअसल, गर्मी शुरू होते ही पाकुड़ जिले में गंभीर पेयजल संकट शुरू हो गया है। इस संकट से निजात के लिए भूजल का जितना अधिक दोहन किया जा रहा है समस्या उतनी गंभीर होती जा रही है। यहां डीप बोरिग के लिए किसी नियम की दरकार नहीं। जिसे जब और जहां मन हुआ बोरिग करा ली। अंधाधुंध बोरिग होने के कारण भूगर्भ जल का स्तर तेजी से गिरा है। एक अनुमान के अनुसार पिछले साल में यह 5 फीट नीचे चला गया है। इसके और अधिक नीचे जाने का अनुमान है। इस कारण सैंकड़ों हैंडपंप से पानी निकलना बंद हो गया है। इस संबंध में कुछ लोगों ने कहा कि हजारों रुपये लगाकर बोरिग कराने का किसे शौक है। पानी की किल्लत से मजबूर होकर ऐसा करना पड़ता है।

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छह साल से अधूरी है शहरी जलापूर्ति योजना

पाकुड़ की शहरी जलापूर्ति योजना छह साल से अधूरी है। शहर के अधिकतर तालाब को माफिया ने भर दिए। जिसके कारण शहर के लोगों को डीप बोरिग का सहारा लेना पड़ रहा है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि जलापूर्ति योजना का 90 फीसद काम पूरा कर लिया गया है। एक जगह के इंटकवेल में समस्या आ रही है। इसके निदान के बाद जलापूर्ति योजना का काम शीघ्र पूरा हो जाएगा।

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डीप बोरिग कर जल दोहन करने से पानी का स्तर नीचे जाना स्वाभाविक है। इससे बचने के लिए रैन वाटर हार्वेस्टिग पर ध्यान देना होगा। प्रशासन की ओर से यह सुनिश्चित कराना होगा कि जितना पानी भूगर्भ से निकाला जाता है उसी के अनुरूप बरसात का पानी भूगर्भ के लिए जमा किया जाए।

सुनील कुमार, कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी, पाकुड़

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