आइटीआइ के भवन पर उपेक्षा का ग्रहण

बड़ा मुद्दा गोमिया विधानसभा क्षेत्र -------------------------------- --- तेनुघाट में वर्ष-2013 मे

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Nov 2019 07:25 PM (IST) Updated:Sat, 16 Nov 2019 06:20 AM (IST)
आइटीआइ के भवन पर उपेक्षा का ग्रहण
आइटीआइ के भवन पर उपेक्षा का ग्रहण

बड़ा मुद्दा, गोमिया विधानसभा क्षेत्र

-------------------------------- --- तेनुघाट में वर्ष-2013 में हुआ निर्माण, तब से पड़ा है वीरान व सुनसान

- चालू कराने की दिशा में अबतक नहीं की गई कोई सार्थक पहल संवाद सहयोगी, गोमिया (बेरमो) : गोमिया विधानसभा क्षेत्र के तेनुघाट में 6 वर्ष पूर्व आइटीआइ शिक्षण संस्थान के लिए शानदार भवन बनकर तैयार है, लेकिन उपेक्षा के ग्रहण के कारण अबतक चालू नहीं हो पाया है। निर्माण के बाद से ही यह भवन वीरान व सुनसान पड़ा है। इसे चालू कराने की अबतक कोई सार्थक पहल नहीं की गई। इस कारण तेनुघाट व आसपास के छात्र-छात्रा हैरान-परेशान हैं। अगर यह तकनीकी शिक्षण संस्थान चालू हो जाता तो न केवल गोमिया विधानसभा क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को आइटीआइ की पढ़ाई करने में सहूलियत होती, बल्कि पूरे बेरमो अनुमंडल के विद्यार्थियों को यह पाठ्यक्रम करने में आसानी होती।--

निर्माण में 4 करोड़ रुपये किए गए खर्च : तेनुघाट में इस तकनीकी शिक्षण संस्थान के लिए भवन निर्माण कराने में सरकार की ओर से लगभग 4 करोड़ रुपये खर्च किए गए। लगभग 4 एकड़ भूमि में निर्मित इस शिक्षण संस्थान के निर्माण के लिए वर्ष-2009 में तब आधारशिला रखी गई थी, जब झारखंड राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू था। तत्कालीन राज्यपाल के शंकर नारायणन ने इसका शिलान्यास किया था। वर्ष 2013 में भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ था। तब से लेकर अबतक हुए लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने उसे चालू कराने का आश्वासन लोगों को दिया था, लेकिन उसके बाद इधर का रुख करना तो दूर इसका जिक्र तक करना उक्त नेताओं ने मुनासिब नहीं समझा। इस कारण यह भवन उपेक्षित होकर अपना वजूद तलाश रहा है।

--छात्र-छात्राओं की खुशियों पर तुषारापात : बेरमो अनुमंडल एक औद्योगिक क्षेत्र है, इसलिए इस शिक्षण संस्थान के बनने से इस इलाके के छात्र-छात्रा काफी खुश हुए थे, लेकिन चालू नहीं होने पर उनकी खुशियों पर तुषारापात हो गया। बेरमो अनुमंडल के सभी 7 प्रखंड गोमिया, नावाडीह, बेरमो, कसमार, पेटरवार, जरीडीह व चंद्रपुरा प्रखंड के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा उग्रवाद प्रभावित इलाके के छात्र-छात्राओं ने इस संस्थान में आईटीआई का प्रशिक्षण एवं रोजगार पाने का जो सपना देखा था, वह अबतक साकार नहीं हो पाया। परिणामस्वरूप, तकनीकी शिक्षा पाने के इच्छुक यहां के छात्र-छात्राओं को दूरदराज के अन्य आइटीआइ संस्थान में नामांकन कराने को मजबूर होना पड़ रहा है।

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