अमन-शांति की ओर कदम बढ़ा रहा लोहरदगा

लोहरदगा में क‌र्फ्यू में ढील दी गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Jan 2020 09:11 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jan 2020 09:11 PM (IST)
अमन-शांति की ओर कदम बढ़ा रहा लोहरदगा
अमन-शांति की ओर कदम बढ़ा रहा लोहरदगा

जागरण संवाददाता, लोहरदगा : लोहरदगा अब अमन और शांति की ओर एक एक कदम बढ़ा रहा है। क‌र्फ्यू में ढील के दौरान लोगों ने संयम दिखाया, परंतु भीड़ के रूप में सड़कों पर आवश्यकता नजर आई। रैपिड एक्शन फोर्स के जवान लगातार गश्त कर रहे हैं। संवेदनशील इलाकों पर भी नजर रखी जा रही है। दवा दुकान पर भारी भीड़ उमड़ने से पुलिस की मदद लेनी पड़ी। हालात ऐसे हैं कि लोग जरूरत के एक-एक सामान को लेकर मोहताज नजर आ रहे हैं। दुकानों में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने हर जरूरी सामान की खरीदारी की ज्यादातर लोग दवाओं की आवश्यकता को लेकर परेशान दिखाई दिए। ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी संख्या में लोग दवाओं की खरीद को लेकर शहर पहुंचे हुए थे। जिला प्रशासन द्वारा लोगों का सहयोग मिलने के साथ ही लोहरदगा को शांतिपूर्ण माहौल की ओर बढ़ाने को लेकर प्रयास तेज कर दिया गया है।

लोहरदगा में प्रशासनिक अधिकारियों की टीम शहर को 5 सेक्टर में बांटकर हर एक बिदु पर समीक्षा कर रही है। ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है, जो लोग आने वाले समय में भी लोहरदगा की शांति व्यवस्था को खराब कर सकते हैं। पुलिस ने अब तक गिरफ्तार किए गए या जेल भेजे गए किसी भी व्यक्ति के नाम का खुलासा नहीं किया है। पुलिस कदापि यह नहीं बताना चाहती है कि इस मामले में कौन-कौन लोग पुलिस की निगरानी में आए हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो दंगा भड़काने के मामले में ज्यादातर लोगों तक पुलिस की पहुंच हो चुकी है। बड़ी संख्या में नाबालिग भी इसमें शामिल पाए गए हैं। उन पत्थरबाजों को भी पुलिस चिन्हित कर रही है, जो छिप कर भीड़ को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे थे। साथ ही ऐसे लोगों की तलाश भी की जा रही है कि जो भीड़ के आक्रोशित होने के बाद परिसंपतियों को लूटने और फूंकने में उनकी भूमिका रही। लोहरदगा के ग्रामीण इलाकों में भी पुलिस की पैनी नजर है। समुदाय विशेष वर्ग के इलाकों में पुलिस सभी लोगों पर नजर बनाए हुए हैं। सामाजिक धार्मिक और राजनीतिक संगठन के प्रतिनिधियों के माध्यम से लोगों से शांति की अपील की जा रही है। प्रशासन का यह प्रयास है कि जल्द से जल्द लोहरदगा में शांति व्यवस्था कायम करते हुए स्कूलों को शुरू कराया जाए। जिससे कि बच्चों का पठन-पाठन बाधित ना हो। तमाम परिस्थितियों की समीक्षा के बाद ही जिला प्रशासन क‌र्फ्यू में ढील के समय को बढ़ाने पर विचार कर सकती है।

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