आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मिलेगा सरकारी योजना का लाभ : डीसी

जागरण संवाददाता लोहरदगा उपायुक्त के कार्यालय कक्ष में मंगलवार को डीसी दिलीप कुमार टोप्प

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Oct 2020 09:42 PM (IST) Updated:Tue, 13 Oct 2020 09:42 PM (IST)
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मिलेगा सरकारी योजना का लाभ : डीसी
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को मिलेगा सरकारी योजना का लाभ : डीसी

जागरण संवाददाता, लोहरदगा : उपायुक्त के कार्यालय कक्ष में मंगलवार को डीसी दिलीप कुमार टोप्पो की अध्यक्षता में नक्सली के प्रत्यार्पण एवं पुनर्वास को लेकर नई नीति योजना की स्वीकृति को लेकर जिला पुनर्वास समिति की बैठक हुई। जिसमें भाकपा माओवादी के सब जोनल कमांडर नक्सली रामजीत नागेशिया उर्फ रामू द्वारा आत्मसमर्पण करने के मामले पर चर्चा हुई। बैठक में उपायुक्त ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार की योजना का लाभ मिलेगा। नक्सली को आत्मसमर्पण के बाद शेष देय राशि नियमानुसार दी जाएगी। प्रत्यार्पण की शेष राशि चार लाख रुपए समान किस्तों में दी जाएगी। जिसमें एक लाख रुपए अगले वर्ष दी जाएगी। प्रत्यार्पण करने वाले उग्रवादी की योग्यता एवं अभिरूचि के अनुसार पुनर्वास समिति द्वारा कौशल विकास को लेकर जिले में संचालित कौशल विकास केंद्र में उपलब्ध विभिन्न संकायों में व्यवसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। पुनर्वास समिति द्वारा छह हजार रुपए प्रतिमाह की दर पर एक वर्ष तक के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। प्रशिक्षण के बाद आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को चार लाख रुपए तक ऋण भी दिया जाएगा। ऋण का ब्याज एक लाख रुपए तक समिति की अनुशंसा से राज्य सरकार द्वारा कंपनसेट किया जाएगा। विशेष परिस्थिति में व्यवसायिक प्रशिक्षण की अवधि एक अतिरिक्त वर्ष तक के लिए विस्तारित की जा सकेगी। उपायुक्त द्वारा प्रत्यार्पित नक्सली को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने का निर्देश दिया गया। डीसी ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली अगर भूमिहीन है तो उसकी इच्छानुसार जगह पर उसे गृह निर्माण के लिए अधिकतम चार डिसमिल जमीन आवंटित की जाएगी। राज्य के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में उग्रवादी एवं उसके परिवार को निश्शुल्क चिकित्सा सेवा की व्यवस्था की जाएगी। जान-माल के नुकसान के खतरे से बचाव के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रत्यार्पित उग्रवादी को पांच लाख रुपए का जीवन बीमा कराया जाएगा। इसके लिए आवश्यक प्रीमियम का भुगतान किया जाएगा। साथ ही प्रत्यार्पित उग्रवादी के आश्रितों के परिवार के लिए भी अधिकतम पांच सदस्यों के लिए एक लाख रुपए तक की समूह जीवन बीमा भी कराने का प्रावधान किया गया है। यदि आत्मसमर्पित उग्रवादी की पैतृक संपत्ति को किसी उग्रवादी संगठन द्वारा क्षति पहुंचाई जाती है तो इस क्षतिपूर्ति की भरपाई का भी प्रावधान है। प्रत्यार्पित उग्रवादी के विरुद्ध लंबित जघन्य आपराधिक मामलों को विधि के अनुसार निष्पादित किया जाएगा। उग्रवादी को विधिक सहायता भी प्रदान की जाएगी। उग्रवादी अपने शैक्षणिक योग्यता अनुसार जिले में पुलिस, होमगार्ड या एसपीओ के पद पर बहाली के लिए आवेदन कर सकेगा। उपायुक्त ने बैठक में समिति को स्क्रीनिग कमेटी का गठन करने का भी निर्देश दिया। बैठक में एसपी प्रियंका मीना, प्रभारी अपर समाहर्ता अखौरी शशांक सिन्हा, डीएसपी परमेश्वर प्रसाद, सामान्य शाखा प्रभारी नारायण राम, उद्योग विभाग के महाप्रबंधक नीलम केरकेट्टा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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