सवारी गाड़ी नहीं रूकने पर बोदा के ग्रामीणों ने जताया आक्रोश, किया प्रदर्शन

चंदवा टोरी-रांची सवारी गाड़ी के बोदा हॉल्ट पर नहीं रूकने पर बोदा व आसपास के ग्रामीणो

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 May 2019 05:26 PM (IST) Updated:Sat, 11 May 2019 06:31 AM (IST)
सवारी गाड़ी नहीं रूकने पर बोदा के ग्रामीणों ने जताया आक्रोश, किया प्रदर्शन
सवारी गाड़ी नहीं रूकने पर बोदा के ग्रामीणों ने जताया आक्रोश, किया प्रदर्शन

चंदवा : टोरी-रांची सवारी गाड़ी के बोदा हॉल्ट पर नहीं रूकने पर बोदा व आसपास के ग्रामीणों ने प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया। गुरुवार को राजू उरांव, नरेश उरांव, फूलदेव गंझू, सुरेश गंझू व एतवा उरांव के संयुक्त नेतृत्व में जुटे ग्रामीण बोदा हॉल्ट पहुंचे और बुधवार को टोरी-रांची सवारी गाड़ी के वहां नहीं रूकने पर विरोध जताया। ग्रामीणों का कहना था कि रेल प्रबंधन व गाड़ी चालक की लापरवाही के कारण बुधवार को उक्त ट्रेन वहां नहीं रूकी और इस गांव की छात्राएं अपने घर नहीं पहुंच सकी। यह तो ग्रामीणों की किस्मत ठीक थी कि उनकी सकुशल बच्चियां वापस घर लौट गईं। --क्या है मामला: एक दिन पूर्व 8 मई (दिन बुधवार) को वर्ग 5 में पढ़ने वाली अनिमा कुमारी (पिता हरि उरांव) व सोनी कुमारी (पिता नेमा लोहरा) तथा वर्ग 6 में अध्ययनरत रेखा कुमारी (पिता स्व. भिखारी उरांव), व प्रीति कुमारी (पिता राजू उरांव, गरदाग) विद्यालय की छुट्टी के बाद पड़ रही भीषण गर्मी के बीच टोरी स्टेशन (चंदवा) से टोरी-लोहरदगा-रांची सवारी गाड़ी पर सवार हो गई। सोचा कि बोदा स्टेशन पर जब सवारी गाड़ी रूकेगी तो वहां से अपने घर चले जाएंगे लेकिन बुधवार को उक्त ट्रेन वहां रूके बिना आगे बढ़ गई। बड़कीचांपी के पूर्व जब सवारी गाड़ी रूकी तो वो उतर गई। इस बीच ग्रामीण अभिभावक परेशान रहें और रेल प्रबंधन के खिलाफ रणनीति बनाते प्रदर्शन किया। दूसरे दिन जब छात्राएं अपने गांव पहुंची और अभिभावाकों व ग्रामीणों ने राहत की संास ली। छात्राएं अपने रिश्तेदार के यहां रूक गई थीं। ----कहता हैं टोरी रेल प्रबंधन: टोरी रेल प्रबंधन के अशोक कुमार ने इस बावत बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उक्त हॉल्ट उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। स्टेशन में स्थाई कर्मी की नियुक्ति पर कहा कि साउथ जोन के पदाधिकारी ही इस पर कुछ कह सकते हैं।

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