किसान विरोधी है प्रदेश व देश की भाजपा सरकार
चंदवा : प्रखंड समेत जिले को अकालग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर झारखंड राज्य किसा
चंदवा : प्रखंड समेत जिले को अकालग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर झारखंड राज्य किसानसभा लातेहार ने धरना-प्रदर्शन किया। पेंशनर समाज भवन परिसर में आयोजित धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित करते जिलाध्यक्ष अयूब खान ने कहा कि जिले में पर्याप्त वर्षा नहीं होने के कारण किसानों की खेतों में खड़ी धान की फसल नष्ट हो गई। अकाल के कारण किसानों की स्थिति दयनीय हो गई है। पहले से कर्ज में डूबे किसानों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी है। रोजगार के अभाव में वो पलायन का मन बना रहे हैं और सरकार किसानों के हितों की अनदेखी कर रही है। आजादी के बाद पहली बार देश के चौकीदार व राज्य की भाजपा नेतृत्व वाली रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में किसान बदहाली पर पहुंच गए हैं। जिला सचिव सुरेन्द्र ¨सह, कमल गंझू, रसीद मियां, पुसन गंझु, रमजान साई चिस्ती समेत अन्य वक्ताओं ने कहा कि अकाल होने के बाद भी किसानों की आय दुगना करने का दावा करनेवाली सरकार की चुप्पी उदासीन नीति का परिचायक है।
वक्ताओं ने कहा कि बीराटोली-महुआमिलान बीजी नई रेल लाइन भूमि अधिग्रहण में सरकार भेदभाव बरत रही है। कामता में 65 हजार रूपये जबकि कुछ कदम दूरी पर स्थित भुसाढ़ और भंडारगढ़ा में 21 हजार रुपये प्रति डिसिमल मुआवजा देने की बात प्रशासन कह रही है। यह किसानों के साथ भेदभाव है। मालगुजारी में समानता है तो मुआवजा भुगतान में भी समानता होनी चाहिए। धरना-प्रदर्शन के दौरान टोरी रेलवे क्रॉ¨सग में अनवरत होनेवाले जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए यथाशीघ्र आरओबी निर्माण, लातेहार जिला को अकालग्रस्त क्षेत्र घोषित कर राहत कार्य चलाने, भूषाढ़, भंडारगढ़ा, जमीरा आदि गांवों के किसानों को 65 हजार प्रति डिस्मिल मुआवजा भुगतान की मांग की गई। यह भी कहा गया कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो समाहरणालय व राजभवन तक मार्च किया जायेगा। सभा के अंत में सीएम के नाम किसान व स्थानीय समस्याओं से संबंधित 16 सूत्री मांगपत्र प्रखंड कार्यालय प्रतिनिधि को सौंपा गया। इससे पूर्व किसानों ने भंडारगढ़ा से मार्च निकाला। भंडारगढ़ा से निकलकर भूसाढ़ कुजरी, श्रीराम चैंक, सुभाष चौक, मुख्य पथ होते हुए पेंशनर समाज परिसर पहुंचकर सभा में तबदील हो गया। इसमे शामिल लोगों ने किसान विरोधी रघुवर व मोदी सरकार होश मे आओ, बीराटोली महुआमिलान की अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा बढ़ाओ समेत सरकार विरोधी अन्य नारे लगाए। मौके पर साजिद खान लिट्टू, प्रेम उरांव, मनोज गंझू, बैजनाथ ठाकुर, सुदेशी गंझू, दिवाली गंझु, गुजरा गंझू, बालगो¨वन्द गंझू, ललु गंझू, दसवा परहिया, मनु उरांव, लाल मोहन गंझू, खाध्या उरांव, झुबा उरांव, सुलेन्द्र गंझू, फहमीदा बीवी, लक्ष्मी देवी, राधा देवी, निरासो देवी, आशा देवी, सरिता देवी, सुनीता देवी, कशीरन बीवी, ममता देवी, पार्वती देवी, छोटी देवी समेत अन्य महिला पुरूष उपस्थित थे।