मुखिया संघ की हड़ताल जारी, कामकाज प्रभावित

गांव की सरकार यानी मुखिया संघ के कलमबद्ध हड़ताल का असर दिखने लगा है। आम जरूरतों से लेकर मनरेगा व 14वें वित्त आयोग का पूरा काम मुखियों के जिम्मा होने से गांवों में असर पड़ना तय है। राज्य स्थापना दिवस से ही मुखियों ने 1

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 07:32 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 07:32 PM (IST)
मुखिया संघ की हड़ताल जारी, कामकाज प्रभावित
मुखिया संघ की हड़ताल जारी, कामकाज प्रभावित

कोडरमा: गांव की सरकार यानी मुखिया संघ के कलमबंद हड़ताल का असर दिखने लगा है। आम जरूरतों से लेकर मनरेगा व 14वें वित्त आयोग का पूरा काम मुखियों के जिम्मा होने से गांवों में असर पड़ना तय है। राज्य स्थापना दिवस से ही मुखियों ने 18 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गये हैं। ऐसे में पंचायत सचिवालयों में ताला लटक गया है। वहीं जिले के मुखियाओं ने प्रशासन को मांगों से संबंधित ज्ञापन देकर हड़ताल की जानकारी विधिवत दी है। इधर, मुखिया संघ सरकार के रवैये से आहत है। खासतौर पर चुनाव जीतकर आये मुखियाओं के समक्ष समानांतर ग्राम विकास कमेटी का गठन कर अधिकार देने के सरकार के निर्णय को मुखिया संघ गलत बता रहे हैं। लिहाजा अन्य मांगों को लेकर मुखियों के हड़ताल से कार्य प्रभावित होगा। फिलहाल मनरेगा में मुखिया के हस्ताक्षर से ही मजदूरों का भुगतान हो पाता है। जबकि 14वें वित्त आयोग की राशि का पूरा जिम्मा मुखियाओं पर है। वहीं छात्र-छात्राओं के आवासीय, जाति, आय, के अलावा जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र में मुखिया की अनुशंसा ली जाती है। साथ ही पीडीएस व्यवस्था, स्कूली व्यवस्था, आंगनबाड़ी केंद्रों का मॉनिट¨रग मुखियों के द्वारा किया जाता है। ऐसे सभी कार्य प्रभावित होंगे। हालांकि जिला स्तर पर जरूरी कदम उठाने की बात कही जा रही है। जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष भीम यादव के अनुसार सरकार मुखिया के साथ अनदेखी कर रही है। वर्तमान में हालात ¨चताजनक है। निर्वाचित होकर आये मुखिया के मान-सम्मान के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। :::::::::::::ये है मुखिया संघ की मांग:::::::

कोडरमा: मुखिया संघ द्वारा 18 सूत्री मांगों को सरकार के समक्ष रखा गया है। इसमें आदिवासी व ग्राम विकास समिति को रद्द करने, वंचित जिलों को 14वित्त आयोग की राशि देने, मनरेगा मजदूरों को मजदूरी दर में बढ़ोतरी, राशन कार्ड में छूटे लाभुकों को नाम जोड़ने, सामाजिक सुरक्षा पेंशन व विधवा पेंशन प्रतिमाह सुचारु रुप से देने, मुखिया के मान सम्मान एवं सुरक्षा व्यवस्था देने, झारखंड को सुखाड़ घोषित करने, पंचायतीराज अधिनियम मे छे छाड़ पर रोक, मुखिया कि वित्तीय शक्ति सम्मान सहित देने, त्रिस्तरीय पंचायत के सभी पंचायत प्रतिनिधियों का बीमा का लाभ देने, जेई एवं एई, कंप्यूटर ऑपरेटर, पंचायत सचिवालय में रात्रि प्रहरी देने तथा आपदा प्रबंधन की राशि पंचायत को देने जैसी मांग शामिल है। :::::::::हड़ताल से नहीं होगा विकास पर असर: डीडीसी::::::::::::

कोडरमा: डीडीसी आलोक त्रिवेदी ने कहा कि मुखिया संघ के हड़ताल से मनरेगा व अन्य कार्यों प्रभावित नहीं होंगे। खास तौर पर मनरेगा के लिए राज्य से दिशा-निर्देश मांगी गई है। मुखिया के स्थान पर प्रखंड नाजिर व बीडीओ को हस्ताक्षर का अधिकार दिये जाने की बात हो रही है। अगले एक-दो दिन में दिशा-निर्देश प्राप्त हो जाएगा। वहीं 14वें वित्त आयेाग का अधिकतम राशि पंचायतों में खर्च हो चुकी है।

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