कार्यालय था बंद, नहीं हुआ पेपर सेल

संवाद सहयोगी कोडरमा जिले में इन दिनों विभिन्न विभागों में टेंडर मैनेज का खेल चरम पर है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 06:57 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 06:57 PM (IST)
कार्यालय था बंद, नहीं हुआ पेपर सेल
कार्यालय था बंद, नहीं हुआ पेपर सेल

संवाद सहयोगी, कोडरमा : जिले में इन दिनों विभिन्न विभागों में टेंडर मैनेज का खेल चरम पर है। संवेदकों का एक गुट सिडिकेट बनाकर इसी धंधे में लगा है। अब विभाग के कर्मचारी व पदाधिकारी भी इस खेल में कूद पड़े हैं। इससे सरकार के राजस्व को भी भारी-भरकम क्षति हो रही है। इस तरह का भ्रष्टाचार और मनमानी सार्वजनिक रूप से चल रही है। शुक्रवार को पथ निर्माण विभाग में एक मरम्मत कार्य में भी इसी तरह का वाक्या हुआ। टेंडर पेपर क्रय के लिए अंतिम तिथि निर्धारित था। पेपर खरीदने के लिए बड़ी संख्या में संवेदक भी विभागीय कार्यालय पहुंचे, लेकिन यहां ना तो कार्यपालक पदाधिकारी थे और ना ही अन्य सक्षम पदाधिकारी जो टेंडर पेपर की बिक्री करे। यहां तक कि कैशियर कार्यालय में भी ताला लटका था, जहां पेपर दी जानी थी। करीब दो-तीन घंटे तक संवेदक पेपर लेने के लिए हर प्रयास करते रहे, लेकिन स्थिति यथावत रही। लोग जमकर हंगामा भी किया। बाद में संवेदकों ने मामले की शिकायत ज्ञापन के माध्यम से उपायुक्त को की। संवेदकों का कहना था कि विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। एक विशेष को लाभ देने के लिए कागजी तौर पर ही टेंडर करना विभाग के कुछ अधिकारी चाह रहे हैं। यही वजह है कि निविदा प्रकाशित होने के बाद भी किसी को टेंडर पेपर खरीदने नहीं दिया जा रहा है। इससे योजना की राशि की बंदरबांट से इन्कार नहीं किया जा सकता है। लोगों ने टेंडर तत्काल रद करते हुए मामले की जांच करने एवं जिम्मेदार अधिकारी-कर्मी पर कार्रवाई की मांग की है। कहा विभाग द्वारा इस तरह का क्रियाकलाप से सरकारी राजस्व को भी भारी क्षति हुई है। ज्ञापन देने वाले संवेदकों में राजकुमार यादव, राजकुमार पांडे, अनिल कुमार, विनोद यादव, रामसुमन कुमार, रतन लाल चौधरी, विरेंद्र यादव, संजीव यादव आदि लोग शामिल है। संवेदकों ने इसे लेकर पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता से लगातार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनके अनुसार ईई का फोन स्वीच आफ मिला। वहीं कार्यालय में भी वे नहीं मिले।

कोडरमा नगर पंचायत पर भी लगा आरोप :

संवेदकों ने कोडरमा नगर पंचायत में भी दो दिसंबर को टेंडर पेपर बिक्री के दौरान गड़बड़ी का आरोप लगाया। संवेदक राजकुमार यादव ने कहा कि नगर पंचायत द्वारा कार्यों के लिए निविदा प्रकाशित की गई थी, लेकिन पेपर बिक्री के समय चार कार्यों को मौखिक रूप से रद बताकर पेपर नहीं दिया गया। इससे वे लोग पेपर क्रय से वंचित हो गए। जबकि किसी कार्य को रद भी नहीं किया गया। इससे यहां भी भारी गड़बड़ी बरती गई है। लोगों ने उपायुक्त से मामले की जांच की मांग की है। सरकार को हो रही भारी क्षति :

टेंडर मैनेज के खेल से सरकार के राजस्व को भारी क्षति हो रही है। नियमों को दरकिनार कर अब संवेदकों का एक गुट मैनेज में सक्रिय होते है। यहां तक की टेंडर के लिए आपस में ही बोली लगाई जाती है और मुनाफे की राशि का बंदरबांट होता है। विभिन्न विभागों में खुलेआम यह खेल चल रहा है।

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