शिक्षा का उद्देश्य है चरित्र निर्माण व आत्मविश्वास बढ़ाना: नरेंद्र

कैलाश राय सरस्वती विद्या मंदिर में सोमवार को प्रबंध समिति की बैठक हुई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 10:42 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 10:42 PM (IST)
शिक्षा का उद्देश्य है चरित्र निर्माण व आत्मविश्वास बढ़ाना: नरेंद्र
शिक्षा का उद्देश्य है चरित्र निर्माण व आत्मविश्वास बढ़ाना: नरेंद्र

संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा): कैलाश राय सरस्वती विद्या मंदिर में सोमवार को प्रबंध समिति की एक बैठक हुई। बैठक में कोरोना काल में विद्यालय के भैया-बहनों के पठन-पाठन के साथ अन्य गतिविधियों जैसे अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षा ,आंतरिक परीक्षा ऑनलाइन , आफलाइन पर पठन-पाठन पर समीक्षा की गई। वहीं भैया-बहनों के संस्कारित शिक्षा विकास के लिए संस्कृति ज्ञान परीक्षा के आयोजन की बात कही गई । बैठक को संबोधित करते हुए प्रबंध समिति के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य है चरित्र निर्माण व आत्मविश्वास बढ़ाना। उन्होंने कहा कि विद्या भारती संस्कृत शिक्षा उपलब्ध करा रही है। भैया बहन को संस्कारित शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि चरित्र निर्माण ही आत्माविश्वास देश और मानवता को ऊपर उठाता है। सचिव नारायण सिंह ने कहा कि विद्या भारती का मूल उद्देश्य मानव निर्माण है। उन्होंने कहा कि युवाओं के कंधे पर राष्ट्र का भार है। भावी भारत कैसा हो यह आज के युवा तय करेंगे। प्रभारी प्राचार्य संतोष झा ने कहा कि भैया बहनों में बेहतर शिक्षा के लिए विद्यालय कटिबद्ध है। बैठक में कोरोना काल को देखते हुए नए सत्र में पठन-पाठन पर छूट देने का निर्णय लिया गया। नए भैया बहनों के साथ साथ पुराने भैया बहनो को भी छूट उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि अभिभावकों पर असर कम पड़े। बैठक में अभिभावकों से अपील भी की गई की वह कोविड-19 के समय पठन-पाठन के लिए मासिक शुल्क जमा कराएं। ताकि विद्यालय सुचारू रूप से संचालित हो सके। बैठक में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाने का भी निर्णय लिया गया, और कोविड-19 का पालन करने की बात कही गई। बैठक में उपाध्यक्ष अरविद कुमार चौधरी ,कोषाध्यक्ष नवल कुमार ,अनुराग सिंह, विकास सेठ ,कुंज बिहारी त्रिवेदी, बीएन शर्मा ,अभिभावक प्रतिनिधि ललिता सिंह ,आचार्य प्रतिनिधि मनोज कुमार सिंह, प्रभारी प्राचार्य संतोष झा, शिवतारा सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य उमेश प्रसाद उपस्थित थे।

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