किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बने जयनगर के रामचंद्र

By Edited By: Publish:Tue, 22 Apr 2014 02:19 AM (IST) Updated:Tue, 22 Apr 2014 02:19 AM (IST)
किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बने जयनगर के रामचंद्र

जयनगर : कहावत है इरादा अगर पक्का हो तो आसामन में भी छेद हो सकता है और यह सिद्ध कर दिखाया है जयनगर प्रखंड के नईटाड़ निवासी रामचंद्र महतो। लगभग तीन एकड़ बंजर भूमि में रामचंद्र महतो ने 2001 से मल्टीपरपस खेती शुरू की है जिसमें स्थायी तौर पर आम, अमरूद, पपीता के पेड लगाया है। वहीं वह मौसम के अनुसार सब्जी की खेती भी कर रहा है। अभी फिलहाल रामचंद्र महतो ने एक एकड़ में शिमला मिर्च, मूली, बैगन, ककड़ी, खीरा आदि की ख्ोती की है। रामचंद्र महतो कहते हैं कि मल्टीपरपस खेती करने से आर्थिक स्थिति काफी मजबूत हुई है और अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दे रहा हूं। रामचंद्र अन्य किसानो के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन गया है। इनके खेतों पर कई जिले के किसान तकनीकी ज्ञान सीखने के लिए आते हैं। रामचंद्र महतो यह सब जयनगर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र से सीखा है और बिरसा कृषि विश्वविद्यालय राची, भारतीय कृषि संस्थान बनारस, पूसा कृषि विश्वविद्यालय में भी प्रशिक्षण प्राप्त कर तकनीकि ज्ञान हासिल किया है। रामचंद्र महतो 2012 में दिल्ली में आयोजित कृषि सम्मेलन में भाग लेकर कोडरमा जिला को गौरवान्वित किया है। श्री महतो कृषि से ही अपने परिवार का जीवन यापन के साथ साथ बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं। वे अपने पुत्र अनिल तथा मुकेश को हजारीबाग में शिक्षा दिला रहा रहा है। जबकि रमेश कुमार और पुत्री सत्भामा को भी जयनगर के बेहतर स्कूलों में शिक्षा दिला रहा है। रामचंद्र महतो इस उपलब्धि को जन-जन तक पहुंचाना चाहते हैं। इस कार्य में उनकी पत्‍‌नी सावित्री देवी भी बखूबी साथ देती है। श्री महतो को कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट सफलता के लिए 2010 में राची में आयोजित एग्रोटेक मेला में सफल किसान के रूप में पुरस्कृत किया गया। रामचंद्र महतो ने बताया कि अगर सरकार मिनी डेयरी लगाने में मदद करती है तो दूध का भी उत्पादन किया जा सकता है।

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