चुंआ का पानी पीने पर मजबूर हैं गढ़सिदम के लोग

रनिया प्रखंड के गढ़सिदम के लोग चुआं का पानी पीकर जीवन-यापन कर रहे हैं। गांव में लगाए गए चार चापाकलों में तीन खराब पड़े है वहीं सोलर चलित एक जल मीनार है जो एक वर्ष से शोभा की वस्तु बनी हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 11:09 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 11:09 PM (IST)
चुंआ का पानी पीने पर मजबूर हैं गढ़सिदम के लोग
चुंआ का पानी पीने पर मजबूर हैं गढ़सिदम के लोग

रनिया : रनिया प्रखंड के गढ़सिदम के लोग चुआं का पानी पीकर जीवन-यापन कर रहे हैं। गांव में लगाए गए चार चापाकलों में तीन खराब पड़े है, वहीं सोलर चलित एक जल मीनार है जो एक वर्ष से शोभा की वस्तु बनी हुई है। एक चापाकल के सहारे ग्रामीणों की प्यास बुझा पाना संभव नहीं है। प्रशासन की उदासीन रवैये के कारण लोग मजबूरीवश चुंआ का पानी पी रहे हैं। गर्मी के दस्तक देते ही रनिया प्रखंड क्षेत्र के जयपुर पंचायत अंतर्गत गांव गढ़सिदम में रहने वाले लोगों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है। 45 घर वाले गांव में चार चापाकल लगे हैं। इसके साथ ही सोलर चलित एक जलापूर्ति योजना भी है। ग्रामीणों की दुर्भाग्य है कि चार चापकलों में से तीन खराब पड़े हैं, जबकि सोलर चलित पंप भी पिछले एक साल से शोभा की वस्तु बनी हुई है। एक चापाकल के सहारे पूरे गांव के लोगों की प्यास बूझ नहीं पाती है। एक चापाकल से कुछ घरों के लोगों की प्यास बुझ रही है। वहीं गांव के अन्य लोग गांव के बाहर खेत में स्थित चुंआ के पानी का उपयोग पीने के लिए करते है। खेत के बीच खूले स्थान पर चुंआ का पानी सेहत के लिए नुकसानदेह भी हो सकती है। ग्रामीण बताते हैं कि गांव का जल मीनार में लगे बोर्ड का स्टार्टर खराब रहने के कारण पिछले एक वर्ष से बंद पड़ा है। गांव के छोटू साहू ने बताया कि इस बात की जानकारी विभाग के अलावा मुखिया को कई बार दी गई, लेकिन अबतक ग्रामीणों के लिए पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई है।

कोट :-

मुखिया फंड नहीं रहने के कारण चापाकल व जल मीनार की मरम्मति नहीं कराया जा सका है। विभाग को इस संबंध में जानकारी दी गई है।

- दशमी कंडुलना, मुखिया, जयपुर पंचायत

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