भू धंसान से दहशत में बंद पड़ी कोलियरी क्षेत्र के ग्रामीण

नाला प्रखंड की कास्ता पंचायत के परिहारपुर गांव की सड़क भू-धंसान होने से क्षतिग्रस्त हो गई है। गांव के समीप सड़क पर भू-धंसान होने से गांव के लोग काफी भयभीत हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Sep 2020 06:16 PM (IST) Updated:Mon, 14 Sep 2020 05:07 AM (IST)
भू धंसान से दहशत में बंद पड़ी कोलियरी क्षेत्र के ग्रामीण
भू धंसान से दहशत में बंद पड़ी कोलियरी क्षेत्र के ग्रामीण

संवाद सहयोगी, नाला (जामताड़ा): नाला प्रखंड की कास्ता पंचायत के परिहारपुर गांव की सड़क भू-धंसान होने से क्षतिग्रस्त हो गई है। गांव के समीप सड़क पर भू-धंसान होने से गांव के लोग काफी भयभीत हैं। बुधवार की रात को अचानक भू-धंसान होने से गांव का संपर्क पथ जमींदोज हो गया है।

यह सड़क बंद पड़ी कोलियरी पलास्थली तथा पलस्थली रेल क्षेत्र से होकर गुजरी है। वर्ष 1998 में ईसीएल ने कोलियरी बंद कर दी थी। 2002 में पलस्थली रेल सेवा भी बंद हो गई। पश्चिम बंगाल कोलियरी तक चलती थी, जबकि अंडाल-पलस्थली रेल मार्ग में रेल सेवा आसनसोल रेल मंडल के अधीन थी। वर्षों से कोलियरी बंद रहने से धंधेबाज अवैध उत्खनन करते हैं। सीमावर्ती क्षेत्र में भू धंसान की घटना का एक अहम कारण यह भी है।

पहले भी हो चुकी है भू-धंसान: गौरतलब है कि भू-धंसान की यह पहली घटना नहीं है, बल्कि इसके पूर्व खासकर बरसात के मौसम में भी हुई है। कास्ता, पलस्थली,परिहारपुर, सुल्तानपुर, चीचुड़बील, जोरकुड़ी, खड़ीमाटी, बड़कुड़ी आदि जगहों पर सैकड़ों कुआंनुमा खदान हैं।

बता दें कि पूर्व में बड़ारामपुर पंचायत की बड़कुड़ी तथा अफजलपुर पंचायत के कोरड़ाबाथ कोलियरी क्षेत्र में भू-धंसान हुआ है। कास्ता से पहाड़पुर गांव तक जाने वाली सड़क के बड़कुड़ी गांव के समीप मुख्य सड़क के बगल में भू-धंसान की घटना हुई थी। अवैध उत्खनन रोकने में प्रशासन विफल है। गत वर्ष जिला प्रशासन के निर्देश पर जिला टास्क फोर्स का गठन कर अवैध खनन रोकने को कुआंनुमा खदानों की डोजरिग की गई, फिर भी अवैध खनन नहीं थमा।

chat bot
आपका साथी