पैसे हो गए खर्च, पर 629 लाभुकों का पीएम आवास अब तक अधूरा

संवाद सहयोगी मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) नारायणपुर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के 629 लोग रा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Jan 2022 07:47 PM (IST) Updated:Sat, 15 Jan 2022 07:47 PM (IST)
पैसे हो गए खर्च, पर 629 लाभुकों का पीएम आवास अब तक अधूरा
पैसे हो गए खर्च, पर 629 लाभुकों का पीएम आवास अब तक अधूरा

संवाद सहयोगी, मुरलीपहाड़ी (जामताड़ा) : नारायणपुर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के 629 लोग राशि लेकर भी पीएम आवास का कार्य पूरा करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इतने लोगों का पीएम आवास पूर्ण कराने में पंचायतों के कर्मियों के पसीने छूट रहे हैं। कर्मी से लेकर अधिकारी के कहने के बाद भी इन्हें पीएम आवास लाभुकों पर कोई खास असर नहीं पड़ रहा है। सरकारी राशि पर कुंडली मारकर लोग बैठे हुए हैं। इनमें से 479 ऐसे लाभुक हैं, जिन्होंने 45000 राशि लेकर महज आवास का कार्य कुर्सी लेवल तक किया है, जबकि उस राशि से उन्हें लिंटर लेवल तक काम कर लेना चाहिए। इनमें से डेढ़ सौ लाभुक ही ऐसे हैं, जिन्होंने लिंटर लेवल तक का कार्य किया है। अब उन्हें ढलाई का कार्य पूरा करना है। लेकिन दुर्भाग्य कहिए कि लाभुक इस कार्य को करने में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।

केंद्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना जिसमें गरीब परिवार के लोगों को पक्के मकान में निवास करने का अवसर देना है। सरकार के स्तर से जो राशि निर्धारित है, उससे प्रत्येक लाभुक को एक वर्ष के अंदर आवास का कार्य पूर्ण करना है। लेकिन एक वर्ष तो दूर वर्ष 2016-17 में स्वीकृत पीएम आवास भी अभी तक अधूरे हैं। यदि विभिन्न वित्तीय वर्ष के आवास का आंकड़ा देखा जाए तो करीब-करीब सभी वित्तीय वर्ष में पीएम आवास अधूरे हैं।

वित्तीय वर्ष 2017-18 में 11 पीएम आवास, 18-19 में 14, 19-20 में 77 और 2020-21 में 560 पीएम आवास अपूर्ण हैं। इसके कार्य में काफी लेट लतीफी बढ़ती जा रही है। ऐसा प्रतीत ही नहीं हो रहा है कि लाभुकों को इस महत्वपूर्ण योजना का कार्य पूर्ण करना है। सरकार के स्तर से गरीबों के कल्याण के लिए ऐसी योजना धरातल पर उतारी गई है। जिन लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है, उन्हें लगता है कि यदि पीएम आवास की स्वीकृति मिल जाए तो हम इसे और बेहतर ढंग से बनाएंगे। लेकिन जिन्हें इस योजना का लाभ अभी दे दिया गया है, वैसे लोग इसे पूरा करने में रूची ही नहीं दिखा रहे हैं। इन लाभुकों को प्रखंड कार्यालय ने तीन से चार बार नोटिस भी थमा दिया। सभी नोटिस में प्राथमिकी दर्ज करने तक की चर्चा हुई। लेकिन इनपर इस नोटिस का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अब तो इसकी समीक्षा जिला से लेकर राज्य कार्यालय तक से हो रही है। कभी जिला के अधिकारी कर्मियों को फटकार लगाते हैं तो कभी राज्य स्तर के अधिकारी प्रखंड स्तरीय अधिकारी को कड़ी फटकार लगाते हैं।

पीएम आवास की राशि पड़ जा रही है कम : क्षेत्र के बंदरचुवां व पोस्ता समेत अन्य पंचायतों के लाभुकों को आवास का कार्य पूर्ण करने में 135000 रुपये कम पड़ रहा है। उन्हें इससे अधिक राशि की आवश्यकता है। नमिता देवी की मानें तो योजना की प्रथम किस्त 45000 रुपये से लिंटर तक का कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा। जिस तरह से सीमेंट व छड़ आदि के दर में वृद्धि हुई है, उससे कार्य को पूरा करना असंभव लग रहा है। जब तक हम घर से इसमें पैसे नहीं लगाएंगे तब तक आवास का कार्य हम पूरा नहीं कर पा रहे।

क्या कहते हैं अधिकारी : इन अधूरे आवास का निर्माण कार्य पूर्ण कराने के लिए हमलोग काफी सक्रिय हैं। जब तक लाभुक इसमें रुचि लेकर काम नहीं करेंगे तब तक हम लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएंगे। लाभुकों को रुचि दिखानी चाहिए।

तापस लायक, प्रखंड समन्वयक, पीएम आवास योजना नारायणपुर

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