धोखाधड़ी के आरोपित को तीन साल की सजा

जामताड़ा फर्जी बैंक खोलकर हजारों रुपये ठगी करने के मामले में अंतिम सुनवाई के पश्चात न्यायिक दंडाधिकारी अरविद कुमार आरोपित पश्चिम बंगाल के व‌र्द्धमान थाना क्षेत्र के हीरापुर निवासी दीपांकर बरुआ को तीन साल की सजा और 2000 रुपये अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 07:00 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 07:00 PM (IST)
धोखाधड़ी के आरोपित को तीन साल की सजा
धोखाधड़ी के आरोपित को तीन साल की सजा

जामताड़ा : फर्जी बैंक खोलकर हजारों रुपये ठगी करने के मामले में अंतिम सुनवाई के पश्चात न्यायिक दंडाधिकारी अरविद कुमार आरोपित पश्चिम बंगाल के व‌र्द्धमान थाना क्षेत्र के हीरापुर निवासी दीपांकर बरुआ को तीन साल की सजा और 2,000 रुपये अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है।

घटना के संदर्भ में अपर लोक अभियोजक दिनेश कुमार ने बताया कि जामताड़ा कोर्ट रोड में आरोपित निर्देशक दीपांकर बरुआ और रिकू बरुआ ने आइबीआइ फर्जी बैंक खाता खोलवाकर क्षेत्र के लोगों से कम समय में दोगुना लाभ का लालच देकर राशि जमा करवाई थी। इसी क्रम में जामताड़ा थाना क्षेत्र के जिलीमटांड़ गांव की प्रेमलता बेसरा ने भी उक्त कंपनी में 50,000 रुपये जमा किए। इसके एवज में आरोपित निर्देशक दीपांकर बरुआ ने एक प्रमाणपत्र दिया था। और तीन साल के बाद दोगुनी राशि देने की बात कही। तीन साल बाद पीड़िता ने जब उस बैंक से संपर्क किया तो आरोपित  ने बैंक उठ कर चले जाने की जानकारी दी। पीड़िता ने राशि वापस करने का दबाव बनाया तो दोनों के बीच में कहासुनी, गाली-गलौज और मारपीट भी हुई। उसके बाद पीड़िता ने 14 फरवरी 2015 को न्यायालय में मामला दर्ज कराया। उक्त मामले में पीड़िता की ओर से सात गवाहों का बयान दर्ज कराया गया। अदालत ने सभी गवाहों का बयान कलमबंद कर मामले को सही पाया और आरोपित दीपांकर बरुआ को भारतीय दंड विधान की धारा 420 में तीन साल, 406 में तीन साल, 471 में दो साल, 468 में दो साल, 504 में दो साल, 506 में दो साल, 120बी में दो साल और चिटफंड की धारा 76 में दो महीना की सजा सुनाई। इसके अतिरिक्त 2,000 रुपये अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है। अर्थदंड नहीं देने के एवज में तीन माह अतिरिक्त सजा भुगतने का निर्देश दिया है। वहीं इस मामले में एक अन्य आरोपित रिकू बरुआ को रिहा किया गया।

chat bot
आपका साथी