काहे का बायोमेट्रिक्स से डर, स्कूल तो जाते हैं ना

पूर्वी सिंहभूम जिले के 1513 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में कार्य कर रहे 2196 पारा शिक्षकों द्वारा बायोमेट्रिक्स हाजिरी का विरोध किया गया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 02:04 PM (IST) Updated:Mon, 18 Feb 2019 02:04 PM (IST)
काहे का बायोमेट्रिक्स से डर, स्कूल तो जाते हैं ना
काहे का बायोमेट्रिक्स से डर, स्कूल तो जाते हैं ना

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। पूर्वी सिंहभूम जिले के 1513 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में कार्य कर रहे 2196 पारा शिक्षकों द्वारा बायोमेट्रिक्स हाजिरी का विरोध किया गया है। इस संबंध में एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा द्वारा जिला शिक्षा विभाग को लिखित रूप से सूचित किया गया है। अब सवाल यह उठता है कि बायोमेट्रिक्स हाजिरी से डर क्यों, जब वे स्कूल जाते हैं।

यह सरकार का सिस्टम है। विद्यालय के सफल रूप से संचालन का यह सशक्त माध्यम है। इस सिस्टम के लग जाने के बाद शिक्षकों को स्कूल आना ही पड़ेगा। बहुत सोच समझकर शिक्षा विभाग ने इसे लागू किया है। इस सिस्टम के लागू होने का विरोध कॉलेज के शिक्षकों ने भी किया था, लेकिन उन्हें भी अंतत: झुकना पड़ा। पारा शिक्षकों के मामलों में भी स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निर्देश पर झारखंड शिक्षा परियोजना ने भी दो टूक कहा है कि इस सिस्टम के हाजिरी अगर पारा शिक्षक नहीं बनाएंगे तो उन्हें स्कूल में अनुपस्थित माना जायेगा। इस निर्देश के बाद भी पारा शिक्षक भी टस से मस नहीं हुए है। इसे लेकर पारा शिक्षकों के संघ का अलग-अलग तर्क है। 

क्या कहते हैं जिम्मेदार

पारा शिक्षक स्कूल जाते ही हैं, ऐसे में उन्हें बायोमेट्रिक्स हाजिरी कर विरोध नहीं होना चाहिए। विभाग धीरे-धीरे हाइटेक हो रहा है, उसे इस प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए।

हेमंत पाठक, छात्र

हम बायोमेट्रिक्स हाजिरी का विरोध समझौता को लागू करवाने के लिए कर रहे हैं। हड़ताल अवधि के दौरान हुए समझौते का पालन अभी तक नहीं हो पा रहा है। समझौता लागू होते ही हम इस सिस्टम से हाजिरी बनाएंगे।

सुमित कुमार तिवारी, जिलाध्यक्ष, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा।

विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि बिना बायोमेट्रिक्स हाजिरी के किसी को भी वेतन न निर्गत किया जाए। हम इस आदेश का पालन करेंगे। पारा शिक्षकों को सिस्टम से ही हाजिरी बनानी होगी।

शिवेंद्र कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम।

पारा शिक्षकों को समान रूप से सुविधाएं नहीं मिल रही है। ऐसे में उन्हें हर तरह का दबाव दिया जा रहा है। बीएलओ बनाया जा रहा है, चुनाव ड्यूटी में भी लगा दिया जा रहा है। बायोमेट्रिक्स मामले में भी ऐसा ही किया जा रहा है।

अरुण कुमार सिंह, जिलाध्यक्ष, झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ। 

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