पानी की गुणवत्ता की जांच जरूरी

मुसाबनी प्रखंड सभागार में जल जीवन मिशन के तहत जल गुणवत्ता निगरानी एवं अनुश्रवण तथा पेयजल रख रखाव विषय पर जलसहियाओं का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल जमशेदपुर के तत्वावधान में आयोजित किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Jan 2022 07:04 AM (IST) Updated:Fri, 21 Jan 2022 07:04 AM (IST)
पानी की गुणवत्ता की जांच जरूरी
पानी की गुणवत्ता की जांच जरूरी

मुसाबनी : मुसाबनी प्रखंड सभागार में जल जीवन मिशन के तहत जल गुणवत्ता निगरानी एवं अनुश्रवण तथा पेयजल रख रखाव विषय पर जलसहियाओं का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल जमशेदपुर के तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में मुसाबनी बीडीओ सीमा कुमारी उपस्थित थीं। बीडीओ ने कहा कि मनुष्य के जीवन में जल का काफी महत्व है, लेकिन इससे भी अधिक उनके लिए स्वच्छ पेयजल बहुत जरूरी है। इसलिए सभी को जल की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सरकार भी हमेशा प्रयास कर रही है की सभी लोगों को स्वच्छ जल प्राप्त हो। इसी उद्देश्य के लिए यह कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला में जिला जल जांच प्रयोगशाला के ट्रेनर फूल चंद्र महतो, ट्रेनिग इंचार्ज राजेश कुमार, सोशल मोबिलाइजर छोटराय हांसदा आदि द्वारा बारी-बारी से सभी जलसहियाओं को पानी की गुणवत्ता की जांच, दूषित पानी से होने वाली बीमारी, इससे बचाव के उपाय आदि के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दिया गया। जल जांच के बारे में सभी जल सहियाओं को ट्रेनर द्वारा विस्तृत रूप से प्रशिक्षित किया गया। इस कार्यक्रम में मुसाबनी प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों जलसहिया मौजूद थी।

कृषि विज्ञान केंद्र के प्रयास से लहलहा रहा किसान के सरसों की खेती गालूडीह : डीआरएमआर परियोजना के तहत दारीसाई कृषि विज्ञान केंद्र के सौजन्य से पूर्वी सिंहभूम जिला के किसानों के खेत में सरसों की खेती लहलहा रही है। सरसो की खेती से किसान को काफी हद तक आर्थिक उपार्जन हुआ है। दारीसाई कृषि केंद्र द्वारा जिला में 90 हेक्टेयर जमीन में सरसों की खेती करने के लिए किसान को सहयोग किया, इस परियोजना में 370 किसान लाभम्वित हुए है।

केंद्र की वरीय वैज्ञानिक डा. आरती बीना एक्का ने बताया कि सरसो खेती के लिए जिला बार किसान का चयन सीएफएलडी परियोजना द्वारा किया गया, अब तक क्षेत्र के किसान सामान्य सरसो की खेती कम मात्रा में करते थे पर केंद्र द्वारा किसान को भारत सरसो-1, भारत सरसो-2, पीएम-28, पोटल 30 किस्म के सरसो बीज उपलब्ध कराया गया, किसान को प्रति हेक्टेयर 5 किलो सरसो बीज दिया गया, किसान एकल रूप से खेती कर रहे हैं। इस बीज से किसान काम से कम 14 क्विंटल तक सरसों का उत्पादन कर रहा है। केंद्र का लक्ष्य है कि जिला के किसान आर्थिक उपार्जन से सशक्त बने।

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