सीएनटी में संशोधन से राज्य में स्थिति असामान्य : मुंडा

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को हमने रोका, लेकिन उसे अब व्यग्रता से लागू करने की कोशिश हो रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 24 Jan 2017 06:10 AM (IST) Updated:Tue, 24 Jan 2017 07:21 AM (IST)
सीएनटी में संशोधन से राज्य में स्थिति असामान्य : मुंडा
सीएनटी में संशोधन से राज्य में स्थिति असामान्य : मुंडा

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को हमने रोका, लेकिन उसे अब व्यग्रता से लागू करने की कोशिश हो रही है। संशोधन से पूर्व मुझसे और पार्टी के वरिष्ठ नेता कडिय़ा मुंडा से कोई बात नहीं की गई। संशोधन से कौन सी बेहतरी होगी, आम आदमी को पता होना चाहिए। समग्र चर्चा किए बिना आपाधापी में सीएनटी-एसपीटी में संशोधन करने की वजह से राज्य में असामान्य स्थिति उत्पन्न हो गई है।

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वन विभाग के घोड़ाबांधा गेस्ट हाउस में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में मुंडा ने कहा कि यह सब प्रायोजित तरीके से बताने की कोशिश की जा रही है कि शायद उनके कार्यकाल के दौरान ही सीएनटी एक्ट के संशोधन का प्रस्ताव तैयार हुआ था लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट से आदेश आया था कि ट्राइबल ही नहीं, नन ट्राइबल खासकर ओबीसी की जमीन का भी स्थानांतरण नहीं हो सकता। इसके बाद नवंबर 2012 में उनके मुख्यमंत्री रहते एक प्रस्ताव आया था। वह प्रस्ताव अति पिछड़ा वर्ग के लिए था, न कि आदिवासियों को लेकर। इसके बावजूद उन्होंने इस मामले को ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल 'टीएसी' के पास भेज दिया था और चार सदस्यीय कमेटी बना दी थी। इस कमेटी का चेयरमैन लोबिन सोरेन और चमरा लिंडा व बंधु तिर्की को सदस्य बनाया गया था। जनवरी में उनकी सरकार गिर गई। वर्तमान सरकार को सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के पूर्व ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की रिपोर्ट का अध्ययन करना चाहिए था। रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है तो रिपोर्ट की मांग करनी चाहिए थी।

उन्होंने कहा कि एक्ट में संशोधन से पूर्व समग्र चर्चा होनी चाहिए थी लेकिन सदन में भी चर्चा करने की बजाए इसे यूं ही पास करा लिया गया। कैबिनेट की बैठक में भी क्या हुआ, उसकी उन्हें जानकारी है। एक्ट में संशोधन से पूर्व भाजपा कोर कमेटी की बैठक में भी किसी तरह की चर्चा नहीं हुई। उन्होंने पत्र लिखकर अपना सुझाव भेज दिया था। कहा कि ऐसा प्रतीत होता कि झारखंड सरकार खुद का गर्दन फंसता देख नए हथकंडे अपनाने की कोशिश कर रही है। राज्य की जनता सबकुछ समझ चुकी है।

चर्चा करने से ही निकलेगा निष्कर्ष
अर्जुन मुंडा ने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट ट्राइबल का सेफ गार्ड है। इस इश्यू पर बोलना उनका धर्म है। देश का भाजपा नेतृत्व जो चाहता है, वही हम कर रहे हैं। वह कोई पार्टी विरोधी काम नहीं कर रहे हैं। चर्चा करने से ही निष्कर्ष निकलेगा।

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