मुख्यमंत्री से घंटी आधारित शिक्षक शब्द हटाने की मांग

जेपीएससी द्वारा जब सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति हो तो उसमें हमें 75 फीसद महत्व दिया जाए।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 07:00 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 07:00 AM (IST)
मुख्यमंत्री से घंटी आधारित शिक्षक शब्द हटाने की मांग
मुख्यमंत्री से घंटी आधारित शिक्षक शब्द हटाने की मांग

जासं, जमशेदपुर : झारखंड विश्वविद्यालय संविदा आधारित शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को महागामा की विधायक दीपिका पांडेय सिंह के साथ संघ के अध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का से मिला, जिसमें उन्हें मुख्यमंत्री के नाम अपने चार सूत्री मांगपत्र सौंपा।

इन मांगों में घंटी आधारित शब्द को हटाते हुए यूजीसी द्वारा संविदा सहायक प्राध्यापक के लिए तय मानदेय (57,700 जो हरियाणा सरकार दे भी रही है, दिल्ली सरकार 65000 दे रही) प्रदान किया जाए। जेपीएससी द्वारा जब सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति हो तो उसमें हमें 75 फीसद महत्व दिया जाए।

जेपीएससी द्वारा नियुक्ति में जो उम्र के हिसाब से नहीं आ पाए, उन्हें 65 वर्ष की आयु तक सामाजिक सुरक्षा के साथ निश्चित मानदेय में सेवा विस्तार किया जाए। विभिन्न विश्वविद्यालयों में सेवा दे रहे हम संविदा आधारित शिक्षकों को समायोजन करने की कृपा की जाए, क्योंकि उनकी नियुक्ति स्वीकृत पद पर की गई है। इस अवसर पर डा. कमलेंदु, विनोद एक्का, नीतीश संतोष आदि मौजूद थे।

वहीं दूसरी ओर जमशेदपुर में माइ कंट्री इज माइ फैमिली नामक एक संस्था शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय पहुंची। संस्था ने उपायुक्त कार्यालय को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उपायुक्त सूरज कुमार के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि झारखंड सरकार बेरोजगारों के लिए बेरोजगारी कार्ड जारी करे। कोरोना की वजह से कहीं भी नौकरी नहीं मिल रही है। हजारों युवक इसकी वजह से बेकार हो गए हैं। राज्य सरकार इन्हें स्वरोजगार के लिए पांच से दस लाख रुपये ऋण की सुविधा उपलब्ध कराएं। जो स्वरोजगार नहीं कर पा रहे हैं या उन्हें कहीं रोजगार नहीं मिल रहा है, उन्हें इस कार्ड के माध्यम से पांच हजार रुपये मासिक भत्ता दिया जाए। संस्था के अध्यक्ष मोहम्मद शमीम ने कहा कि जब तक कोरोना का कहर पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता, बेरोजगारी कार्ड के माध्यम से युवाओं को जीने का सहारा उपलब्ध कराया जाए।

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