डिजिटल पठन-पाठन में योगदान के लिए सम्‍मानित किए गए पूर्वी सिंहभूम के दो शिक्षक Jamshedpur News

शिक्षकों को डिजिटल स्‍वरूप में शिक्षा से समुदाय को जोड़ने के प्रयासों की सराहना करते हुए राज्‍य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिह ने प्रमाणपत्र देकर सम्‍मानित किया।

By Vikas SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 15 May 2020 10:08 PM (IST) Updated:Fri, 15 May 2020 10:36 PM (IST)
डिजिटल पठन-पाठन में योगदान के लिए सम्‍मानित किए गए पूर्वी सिंहभूम के दो शिक्षक Jamshedpur News
डिजिटल पठन-पाठन में योगदान के लिए सम्‍मानित किए गए पूर्वी सिंहभूम के दो शिक्षक Jamshedpur News

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव को लेकर चल रहे लॉकडाउन में स्‍कूल तो बंद हैं लेकिन बच्‍चों को पढ़ाई का नुकसान नहीं हो, इसके लिए डिजिटल पढ़ाई को अपनाया जा रहा है। इस सूत्रवाक्‍य के साथ- अब पढ़ाई नहीं रुकेगी, होगी डिजि के साथ।

ई लर्निंग के लिए शुरू किए गए डिजि साथ में बेहतर योगदान के लिए पूर्वी सिंहभूम के दो शिक्षकों को सम्‍मानित किया गया है। इनमें एक हैं पोटका क्षेत्र अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय नाचोसाई के शिक्षक मनोज कुमार सिंह व उत्‍क्रमित प्‍लस टू विद्यालय सिमुलडांगा की शिक्षिका मानवी मनीषा तिग्‍गा को। इन शिक्षकों को डिजिटल स्‍वरूप में शिक्षा से समुदाय को जोड़ने के प्रयासों की सराहना करते हुए राज्‍य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिह ने प्रमाणपत्र देकर सम्‍मानित किया।

     

यह है ई लर्निंग की कार्ययोजना 

कोरोना वायरस के खतरे के कारण पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है। विद्यालय बंद हैं। कक्षाएं संचालित नहीं हो पा रही हैं। विद्यालय के छात्रों के पढाई के नुकसान को देखते हुए इ-लर्निंग  का सहारा लिया जा रहा है। झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, रांची, बीसीजी, पिरामल फाउंडेशन, यूनिसेफ एवं दूरदर्शन के समन्वय से यह पहल की गई है। प्रत्येक कक्षा, एवं प्रत्येक विषय के लिए डिजिटल कंटेंट उपलब्ध कराया जा रहा है। 

कुछ इस तरह के किए प्रयास : मनोज 

सम्‍मानित किए जाने के बाद शिक्षक मनोज ने बताया कि इन डिजिटल शिक्षण सामग्री का लाभ उठा सकें और घर बैठे अपनी पढाई पूरी कर सकें इसके लिए विद्यालय स्तर पर इस तरह के प्रयास किये जा रहे हैं:-

विद्यालय स्तर पर वाट़सएप ग्रुप का निर्माण:- विद्यालय के अभिभावकों, बच्चों एवं शिक्षकों का एक वाट़सएप ग्रुप बनाया गया है। इसमें छात्र-अभिभावक जुड़े हैं। जिन बच्चो के पास स्मार्ट फ़ोन नहीं है,उनको दूसरे बच्चों के साथ जोड़ कर लाभ पहुंचाया जा रहा है।

कक्षाओं का संचालन - विद्यालय के सभी शिक्षक अपने- अपने वर्ग के बच्चों को कोर्से से सम्बंधित शैक्षिक सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं। बच्चों को वाट़सएप के जरिये डिजिटल कंटेंट भेजे जा रहे हैं। छोटे- छोटे वीडियो भेज कर बच्चों को अधिगम कराया जा रहा है। इसके माध्यम से बच्चे अपनी पढाई जारी रख रहे हैं और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान शिक्षक से संपर्क करके कर रहे हैं। बच्चो से लगातार संपर्क बना कर उनकी मदद की जा रही हैI झारखंड सरकार डिजि साथ (DiGiSATH) के द्वारा भेजे जा रहे डिजिटल कंटेंट बच्चों तक प्रतिदिन पहुंचाये जा रहे हैं। इस नए स्‍वरूप के प्रति बच्चों में उत्सुकता भी बढ़ रही है।  

यूट़यूब चैनल का निर्माण:- creative learning with manoj के नाम से एक यूट़यूब चैनल बनाया गया है। इसमें 100 से ज्यादा शैक्षिक सामग्री बना कर डाली गयी है।

वार्षिक डिजिटल अधिगम योजना :-  झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्के द्वारा पूरे साल भर के लिए वार्षिक डिजिटल अधिगम योजना तैयार की गई है। इसके अंतर्गत गणित विषय के कक्षा 5 एवं कक्षा 7 का वार्षिक योजना का निर्माण मेरे द्वारा किया गया है जिसके आधार पर बच्चो को डिजि साथ के माध्‍यम से कंटेंट चैप्टर के अनुसार भेजा जा रहा है।

डिजिटल कक्षाओं का संचालन पूरे साल करने की तैयारी

शिक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि डिजि साथ  के लिए कक्षा 6,7,8 के लिए मैथ्स विषय के लिए कंटेंट बनाया जा रहा है। भविष्‍य की योजना के बारे में उन्‍होंने बताया कि लॉकडाउन अवधि के बाद जब विद्यालय संचालित होगा तब डिजिटल कक्षाओं का संचालन काफी कारगर ढंग से बच्चो को सालो भर कराया जा सकेगा। उन्‍होंने बताया कि विद्यालय में स्मार्ट क्लास के अंतर्गत कक्षा संचालित की जाती है। उनके विद्यालय के बच्चे पहले से ही डिजिटल क्लास से परिचित हैं। इस वजह से उन्हें मोबाइल पर कंटेंट देखने में आसानी हो रही है। अपने यूट़यूब चैनल के माध्‍यम से पहले से ही बच्चो की कक्षा संचालित करते रहे हैं।

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