सड़क निर्माण में छह की जगह तीन इंच डाला पत्थर

सुदूर गांवों को मुख्य सड़क से जोड़नेवाली केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में किस कदर अनियमितता बरती जा रही है है इसकी कलई बुधवार को खुल गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 07:32 AM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 07:32 AM (IST)
सड़क निर्माण में छह की जगह तीन इंच डाला पत्थर
सड़क निर्माण में छह की जगह तीन इंच डाला पत्थर

चाकुलिया: सुदूर गांवों को मुख्य सड़क से जोड़नेवाली केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में किस कदर अनियमितता बरती जा रही है है, इसकी कलई बुधवार को खुल गई। स्थानीय विधायक समीर महंती की उपस्थिति में प्रखंड के बड़ामारा पंचायत अंतर्गत बड़ामारा से गालूडीह तक निर्माणाधीन सड़क कि जब जांच की गई तो पाया गया कि उसमें 6 इंच की जगह मात्र 3 इंच ही पत्थर डाली गई है। इससे नाराज विधायक ने मौके पर मौजूद ग्रामीण विकास विभाग के सहायक अभियंता राम प्रसाद सिंह, कनीय अभियंता का तापस महतो एवं संवेदक सुमन सिंह को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि इस तरह का घटिया निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर संवेदक ने काम में सुधार नहीं किया तो उसे काली सूची में डालने के लिए पहल की जाएगी।

बताते चलें कि बड़ामारा पंचायत के गालूडीह गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए 1.3 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण 79 लाख रुपये की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से किया जा रहा है। योजना का शिलान्यास 27 अगस्त 2019 को हुआ था। एकरारनामा के मुताबिक सड़क का निर्माण 26 अप्रैल 2020 तक पूर्ण कर लेना था। लेकिन संवेदक ने सड़क पर नुकीले पत्थर डालकर लंबे अरसे तक छोड़ दिया था, जिससे ग्रामीणों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही थी। इसे लेकर दैनिक जागरण ने गत वर्ष खबर भी प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसके बाद विभाग हरकत में आया तथा संवेदक पर दबाव डालकर काम शुरू कराया गया। लेकिन निर्माण कार्य में गुणवत्ता को ताक पर रख दिया गया। लिहाजा ग्रामीणों ने विधायक समीर महंती से मिलकर घटिया निर्माण की शिकायत की। जिसके बाद विधायक ने विभागीय अधिकारियों एवं संवेदक को मौके पर बुलाकर बुधवार को सड़क की खुदाई करवाई। इसमें 6 इंच की बजाय 3 इंच ही पत्थर पाया गया। ----------------

अधिकांश पीएमजीएसवाई सड़कें बदहाल चाकुलिया एवं बहरागोड़ा प्रखंड की अधिकांश पीएमजीएसवाई सड़कों की हालत बदहाल है। सड़क बनने के दो-चार महीने बाद ही टूटने लगती है। साल भर में सड़क का कचूमर निकल जाता है। अभी चंद दिन पहले ही बहरागोड़ा प्रखंड के महुली एनएच से भालुकखुलिया तक निर्माणाधीन सड़क में भी गड़बड़ी की बात सामने आई थी। दरअसल ग्रामीण इलाके में बनने वाली सड़कें ग्रामीणों के लिए कम तथा भ्रष्ट विभागीय अधिकारियों एवं ठेकेदारों के लिए अधिक फायदेमंद साबित हो रही हैं। भ्रष्ट अधिकारी एवं संवेदक बड़ी चालाकी से स्थानीय छुटभैये नेताओं को 'खुश' कर घटिया निर्माण कर निकल जाते हैं। इससे जनता की गाढ़ी कमाई से टैक्स के रूप में अर्जित लाखों करोड़ों की सरकारी राशि का वारा न्यारा हो जाता हैं। बनने के बाद निर्माण की शर्तों के मुताबिक 5 वर्ष तक सड़क की रखरखाव भी नहीं होती है।

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