जो उग्रवादी लेना चाहता था जान, अपना खून देकर सीआरपीएफ जवान ने बचाया उसी का जीवन Jamshedpur News

सर्च अभियान के दौरान गोली लगने से तड़पता देख सुरक्षा बलों ने जंगल में ही किया प्राथमिक उपचार जख्मी साथ को जंगल में ही छोड़कर भाग गया था पीएलएफआई दस्ता

By Vikas SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 01:56 PM (IST) Updated:Sat, 30 May 2020 08:04 AM (IST)
जो उग्रवादी लेना चाहता था जान, अपना खून देकर सीआरपीएफ जवान ने बचाया उसी का जीवन Jamshedpur News
जो उग्रवादी लेना चाहता था जान, अपना खून देकर सीआरपीएफ जवान ने बचाया उसी का जीवन Jamshedpur News

चाईबासा (सुधीर पांडेय)। चाईबासा पुलिस और सीआरपीएफ ने एक बार फिर मानवी संवेदनशीलता का उदाहरण पेश किया है।

टेबो थाना अंतर्गत मनमारूबेड़ा के जंगल-पहाड़ी क्षेत्र मे चाईबासा पुलिस एवं सीआरपीएफ 60 बटालियन की संयुक्त टीम के साथ प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई के उग्रवादियों की मुठभेड़ के दौरान जो उग्रवादी अपनी गोलियों से जवानों को भून देना चाहता था, गोली लगने से घायल होने पर उसी उग्रवादी का पुलिस वालों ने जंगल में ही न केवल प्राथमिक उपचार किया बल्कि जीवन बचाने के लिए जब उसे खून की जरूरत पड़ी तो एक सीआरपीएफ जवान ने अपना खून भी दिया।

जमशेदपुर में चल रहा मुठभेड़ में घायल नक्‍सली का इलाज

घायल उग्रवादी अब जमशेदपुर के अस्पताल में इलाजरत है। इसका नाम मनोज हेस्सा है। पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा ने टेबो थाना अंतर्गत मनमारूबेड़ा के जंगल-पहाड़ी क्षेत्र में चाईबासा पुलिस एवं सीआरपीएफ 60 बटालियन की संयुक्त टीम का आसूचना आधारित अभियान के दौरान 28 मई की सुबह उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुई। प्रारंभिक सर्च अभियान के दौरान एक नक्सली का शव बरामद हुआ है तथा एक नक्सली जख्मी अवस्था मे मिला।

गोली लगने के बाद अत्‍यधिक खून बहने से खतरे में पड़ गई थी जान

 

मुठभेड़ में घायल नक्‍सली का घटनास्‍थल पर ही प्राथमिक उपचार करता सीआरपीएफ जवान

मानवीय पहलू को ध्यान में रखकर सुरक्षा बलों द्वारा जंगल में ही जख्मी नक्सली मनोज हेस्सा का प्राथमिक उपचार कर अग्रतर इलाज के लिए जमशेदपुर भेजा गया। अत्यधिक खून बह जाने के कारण उसकी जान खतरे में पड़ गयी थी। चिकित्सक ने अतिरिक्त खून चढ़ाने के लिए मांगा। घायल की जान बचाने के लिए बी पॉजिटिव खून की जरूरत थी।

यह देख सीआरपीएफ के जवान आगे आए। यह भूलकर कि एक दिन पूर्व इस नक्‍सली की गोली उन्‍हें भी लग सकती थी। सीआरपीएफ जवान ओम प्रकाश यादव व संदीप कुमार ने स्वयं रक्तदान कर जख्मी उग्रवादी की जान बचाई। दोनों जवानों का रक्‍त समूह बी पॉजिटिव था। इससे पहले भी सीआरपीएफ इस तरह से मानवीय उदाहरण पेश कर चुकी है। इस प्रकार के साहसिक कार्य के लिए पूरे क्षेत्र में सीआरपीएफ जवान की तारीफ हो रही है।

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