दिल्ली की टीम को निकू-पिकू में मिली गंदगी व बदबू

कोल्हान प्रमंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु वार्ड में घुसते ही बदबू का एक भभका नाक में घुसता है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Apr 2019 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 04 Apr 2019 06:35 AM (IST)
दिल्ली की टीम को निकू-पिकू में मिली गंदगी व बदबू
दिल्ली की टीम को निकू-पिकू में मिली गंदगी व बदबू

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कोल्हान प्रमंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु वार्ड में घुसते ही बदबू का एक भभका नाक में घुसता है। दिल्ली से आई राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की टीम के सदस्य डॉ. रेणू इधर-उधर देखती हैं तो उन्हें गंदगी का अंबार नजर आता है। शिशु वार्ड के सामने ही नाली का बदबूदार पानी और गंदे कपड़े पड़े हुए थे। डॉ. रेणू अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरुण को सवालिया निगाहों से देखती हैं और फिर पूछती हैं ये सब क्या है। वो आगे कहती हैं कि शिशु वार्ड में इतनी गंदगी नहीं चलेगी। इसे ठीक कराएं। वरना प्रदूषण से बच्चों की जान खतरे में रहेगी।

उपकरणों व दस्तावेजों का लिया जायजा : दिल्ली से आई टीम को निकू (नियो नेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) और पिकू (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) में गंदगी और हर तरफ बदबू देख दिल्ली से आई राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की टीम नाराज दिखी। टीम ने शिशु इमरजेंसी और निकू पिकू में मौजूद उपकरण और दस्तावेजों का जायजा लिया और देखा कि शिशुओं और नवजातों के इलाज में कहा क्या खामी है। टीम दिल्ली जाकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आला अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट देगी और उसकेबाद शिशु वार्ड व निकू व पिकू में सुविधाएं और बेहतर करने का खाका तैयार किया जाएगा।

अधीक्षक संग बैठक कर ली जानकारी : शिशु वार्ड और निकू- पिकू की जाच के लिए दिल्ली से हेल्थ एवं रूरल वेलफेयर मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तीन सदस्यीय टीम डॉ. रेणु के नेतृत्व में सोमवार की रात जमशेदपुर पहुंची। टीम में एनआरएचएम से डॉक्टर कपिल, रोहतक मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर संदीप और राची से एनआरएचएम की डॉक्टर राजवीर कौर भी थीं। टीम ने मंगलवार की सुबह 11 बजे एमजीएम अस्पताल पहुंचकर अधीक्षक अरुण कुमार के साथ बैठक कर शिशु वार्ड और निकू व पिकू की व्यवस्था जानी। जाना कि शिशु वार्ड और निकू व पिकू में कितने डॉक्टर, नर्स और वार्ड ब्वॉय कार्यरत हैं। इसके अलावा क्या-क्या उपकरण यहा मौजूद हैं और क्या क्या कमी है। एमजीएम अधीक्षक के साथ बैठक में उप अधीक्षक डॉ नकुल चौधरी और एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एसी अखौरी भी शामिल थे।

डॉक्टरों के चेंबर को भी देखा :

बैठक के बाद इन सभी अधिकारियों के साथ एनआरएचएम की टीम सबसे पहले शिशु वार्ड पहुंची। शिशु वार्ड का जायजा लेने के बाद टीम के सदस्य निकू व पिकू पहुंची। वहा वार्ड का जायजा लेने के बाद निकू-पिकू के डाक्टरों के चेंबर में जाकर सुविधाओं और कमियों पर मंथन किया।

निकू-पिकू की व्यवस्था दुरुस्त करने का आश्वासन : पत्रकारों से बात करते हुए टीम में शामिल एनआरएचएम की महिला अधिकारी डॉ. रेणु ने बताया कि ये एनआरएचएम का रूटीन निरीक्षण है। इसमें एनआरएचएम का सारा फोकस शिशु इमरजेंसी और निकू व पिकू पर है। यहा की खामी और कमी का जायजा लेने के बाद कमियों को दूर करने की कोशिश की जाएगी।

पूछा, क्यों नहीं कराई सफाई : निरीक्षण के दौरान ही जब दिल्ली से आई टीम इमरजेंसी से निकल कर निकू-पिकू की तरफ जा रही थी तभी एमजीएम अधीक्षक ने अपने साथ चल रहे एक क्लर्क से शिकवा किया कि कहने के बाद भी उसने सफाई नहीं कराई। क्लर्क ने जवाब दिया- एजेंसी से कह दिया था। सामने नाले का पानी भी तो बदबू मार रहा है।

निकू में नहीं घुस पाए अधीक्षक :

क्लर्क से गुफ्तगू करने के चक्कर में अधीक्षक पीछे रह गए। इतने में टीम के सदस्य जांच के लिए निकू में घुस गए। उनके पीछे उप अधीक्षक भी घुस गए और दिल्ली से आई डॉ. रेणू ने दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। अधीक्षक और क्लर्क ने दरवाजा ठेला और बंद देख कर बाहर ही खड़ा रहना उचित समझा।

सदर अस्पताल का एसएनसीयू भी देखा : दिल्ली से आई एनआरएचएम की टीम ने खासमहल स्थित सदर अस्पताल में निर्माणाधीन एसएनसीयू भी देखा। यहां 10 बेड का एसएनसीयू (सिक न्यू बार्न केयर यूनिट) बन रहा है। सदर अस्पताल देख टीम के सदस्य खुश हुए। उन्होंने इसे एमजीएम अस्पताल से लाख गुना बेहतर बताया। यहां हुई बैठक में सिविल सर्जन डॉक्टर महेश्वर प्रसाद के अलावा डॉक्टर साहिर पाल और डॉक्टर मीना सिंह भी मौजूद थे।

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