टाटा स्टील में आपसी सहमति से क्वार्टर फिक्स-अप बंद
टाटा स्टील में कर्मचारियों की आपसी सहमति से होने वाला क्वार्टर फिक्स-अप अब बंद हो है। यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने सभी पदाधिकारियों को नई व्यवस्था की जानकारी दी।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील में कर्मचारियों की आपसी सहमति से होने वाला क्वार्टर फिक्स-अप अब बंद हो है। बुधवार सुबह टाटा वर्कर्स यूनियन के ऑफिस बियरर की बैठक हुई जिसमें यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने सभी पदाधिकारियों को नई व्यवस्था की जानकारी दी। मालूम हो कि तीन मई को ही दैनिक जागरण ने क्वार्टर फिक्स की पुरानी व्यवस्था बंद होने की जानकारी दे दी थी। खबर प्रकाशित होने के चार दिनों बाद यूनियन नेतृत्व ने इसकी सूचना सार्वजनिक की। टाटा स्टील में अब तक क्वार्टर फिक्स-अप कर्मचारियों की आपसी सहमति से होता था। लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब कर्मचारियों को क्वार्टर छोड़ने से दो माह पूर्व ऑनलाइन इसकी जानकारी कंपनी के एस्टेट विभाग को देनी होगी। इसके बाद कंपनी व यूनियन की चार सदस्यीय टीम नक्शा के अनुसार बनाए गए ढांचे का मूल्यांकन करेगी और तय राशि संबधित क्वार्टर के कर्मचारी को देगी। नई व्यवस्था के तहत क्वार्टर छोड़ने वाले और क्वार्टर लेने वाले कर्मचारियों के बीच आपस में कोई तालमेल नहीं हो पाएगा। जो भी कर्मचारी संबधित क्वार्टर लेगा, उसे ढांचे के अनुसार बढ़े किराये के साथ क्वार्टर आवंटित होगा। नई व्यवस्था के तहत क्वार्टर छोड़ने वाले और क्वार्टर लेने वाले, दोनो कर्मचारियों को नुकसान होगा। हालांकि ऑफिस बियरर की बैठक में यूनियन अध्यक्ष यह बताने में असमर्थ रहे कि आखिर पुरानी व्यवस्था क्यों बंद की गई। नई व्यवस्था तत्काल से प्रभावी हो गई है। बनेगी चार सदस्यीय कमेटी क्वार्टर फिक्स-अप के लिए कंपनी प्रबंधन और यूनियन की चार सदस्यीय कमेटी बनेगी। इस कमेटी में एस्टेट विभाग का सीनियर मैनेजर स्तर का एक अधिकारी, एक जुस्को का अधिकारी और टाटा वर्कर्स यूनियन से अध्यक्ष के कृपा पात्र दो कमेटी मेंबर शामिल होंगे। कंपनी की ओर से मूल्यांकन में अगर संबधित कर्मचारी को नुकसान होगा तो उक्त कमेटी फिर से क्वार्टर का मूल्यांकन करेगी। --- नक्शा से अधिक बना है तो होगा नुकसान अगर किसी कर्मचारी ने नक्शे से अधिक ढांचा तैयार किया है तो उसका मूल्यांकन होगा या नहीं। एक ऑफिस बियरर ने उक्त सवाल यूनियन अध्यक्ष से पूछा तो उन्होंने इसका जवाब भी नहीं दिया। लेकिन पदाधिकारियों का कहना है कि अगर नक्शा से अधिक बनाया हो तो उसे तोड़ने का खर्च भी कंपनी प्रबंधन कर्मचारी से लेगी।
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