Tata Steel Production: वर्ष 2030 तक टाटा स्टील करेगी 40 मिलियन टन स्टील का उत्पादन

Tata Steel Production Plan स्टील कंपनियां भविष्य के अवसर को देखते हुए अपने उत्पादन में भी बढ़ोतरी कर रही है। देश में औद्योगिक क्रांति की नींव रखने वाली टाटा स्टील भी अपनी उत्पादन क्षमता में विस्तार कर रही है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 04:02 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 04:02 PM (IST)
Tata Steel Production: वर्ष 2030 तक टाटा स्टील करेगी 40 मिलियन टन स्टील का उत्पादन
देश में मूलभूत सुविधाओं में तेजी से विकास हो रहा है।

जमशेदपुर, निर्मल। देश में मूलभूत सुविधाओं में तेजी से विकास हो रहा है। ऐसे नए-नए स्टेशन, एयरपोर्ट, सड़क, पुल-पुलिया का निर्माण तेजी से हो रहा है। इसके अलावा ऑटो सेग्मेंट में भी हो रहे बदलाव का फायदा स्टील कंपनियों को मिल रही है। जिसके कारण देश में स्टील की खपत भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में स्टील कंपनियां भविष्य के अवसर को देखते हुए अपने उत्पादन में भी बढ़ोतरी कर रही है। देश में औद्योगिक क्रांति की नींव रखने वाली टाटा स्टील भी अपनी उत्पादन क्षमता में विस्तार कर रही है। वर्ष 2030 तक स्वदेशी कंपनियां देश में खपत होने वाली स्टील का 73 प्रतिशत का उत्पादन करेगी। जबकि टाटा स्टील 40 मिलियन टन स्टील का उत्पादन करेगी। पेश है रिपोर्ट वर्ष 2010 में 22 मिलियन टन की खपत थी देश में, 29 प्रतिशत का उत्पादन करती थी कंपनियां, जबकि शेष जरूरत यूरोपियन कंपनियां करती थी पूरा वर्ष 2020 में देश का 34 एमटी खपत पर 57 प्रतिशत का उत्पादन करती थी स्वदेशी कंपनियां वर्ष 2030 में 55 एमटी स्टील की होगी देश में आवश्यकता। 73 प्रतिशत स्टील का उत्पादन करेगी टाटा स्टील सहित स्वदेशी कंपनियां टाटा स्टील का उत्पादन-वर्ष 2010 में 3.7 एमटी फ्लैट प्रोडक्ट और 2.9 एमटी लांग प्रोडक्ट का उत्पादन करती थी टाटा स्टील वर्ष 2020 में फ्लैट प्रोडक्ट का उत्पादन बढ़कर हुआ 15.6 एमटी और लांग प्रोडक्ट का 4.0 एमटी का किया उत्पादन। वर्ष 2030 तक टाटा स्टील 30 एमटी फ्लैट प्रोडक्ट व 10 एमटी लांग प्रोडक्ट का करेगी उत्पादन। टाटा स्टील का ऑटोमोटिव सेगमेंट में बढ़ रहा है मार्केट शेयर। वर्ष 2020 में 50 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2021 में हो चुका है 58 प्रतिशत। हाई एंड इंजीनियरिंग सेगमेंट में भी मार्केट शेयर पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ा 46 प्रतिशत। टाटा स्टील ने पांच वर्षों में बचाए 21,400 करोड़ रुपये वित्तीय वर्ष 2017 में 3406 करोड़ रुपये बचाए वित्तीय वर्ष 2018 में 2594 करोड़ रुपये बचाए वित्तीय वर्ष 2019 में 3556 करोड़ रुपये की बचत की वित्तीय वर्ष 2020 में 6545 करोड़ रुपये की बचत हुई वित्तीय वर्ष 2021 में 5369 करोड़ रुपये की बचत हुई।

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