सुप्रीम कोर्ट ने पलटा झारखंड हाईकोर्ट का आदेश, टेल्को वर्कर्स यूनियन चुनाव कराने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को पलटते हुए टेल्को वर्कर्स यूनियन का चुनाव कराने का आदेश दिया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sat, 08 Dec 2018 11:24 AM (IST) Updated:Sat, 08 Dec 2018 11:24 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा झारखंड हाईकोर्ट का आदेश, टेल्को वर्कर्स यूनियन चुनाव कराने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने पलटा झारखंड हाईकोर्ट का आदेश, टेल्को वर्कर्स यूनियन चुनाव कराने का आदेश

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। टेल्को वर्कर्स यूनियन में चुनाव कराया जाए और इससे संबधित जो भी विवादित मामले हैं उसे झारखंड हाईकोर्ट में दायर एलपीए (लेटर पेटेंट्स अपील) में सुलझाया जाए। सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच के न्यायाधीश रो¨हटन फली नरीमन व केएम जोसेफ ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को पलटते हुए यह आदेश दिया है। हालांकि, आदेश की कॉपी मिलने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि चुनाव की प्रक्रिया क्या होगी।

टेल्को यूनियन में चुनाव हो, इसके लिए महामंत्री प्रकाश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (सी) डायरी नंबर 40475/2018 याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान प्रकाश कुमार के अधिवक्ता गुरु कृष्ण कुमार ने दलील दी कि यूनियन के निबंधन का रद होने का असंवैधानिक निर्णय को आधार बनाकर चुनाव नहीं कराना गलत है। वहीं, टाटा मोटर्स का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यूनियन का निबंधन रद है। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब यूनियन का कार्यकाल पूरा हो चुका है तो चुनाव होना चाहिए।

विवादित मामले निचली अदालत में सुलझाएं

वहीं, गुरमीत सिंह के अधिवक्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता कंपनी से बर्खास्त हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि जो भी विवादित मामले हैं उसे झारखंड हाईकोर्ट में दायर एलपीए में सुलझाएं। इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद पूर्वी सिंहभूम के जिला उपायुक्त व एसएसपी की देखरेख में टेल्को वर्कर्स यूनियन में 18 अगस्त 2015 में चुनाव हुआ था। हालांकि प्रकाश कुमार को टाटा मोटर्स प्रबंधन ने कुछ माह पहले ही नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।

प्रकाश के निष्कासन से शुरू हुई थी कानूनी लड़ाई

ड्राइवलाइंस यूनियन ने दिसंबर 2016 में आमसभा कर महामंत्री प्रकाश कुमार को यूनियन से निष्कासित कर दिया गया था। वहीं, बिहार सरकार ने भी टेल्को यूनियन का निबंधन रद कर दिया। प्रकाश कुमार ने इस मामले को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी। इस पर न्यायमूर्ति एसजे मुख्योपाध्याय ने चार अगस्त 2017 को सुनवाई करते हुए आठ सप्ताह के भीतर चुनाव कराने का आदेश दिया था। इसके बाद ड्राइवलाइंस यूनियन से गुरमीत सिंह ने हाईकोर्ट में एलपीए दायर कर इस आदेश को चुनौती दी। जिसपर डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने चुनाव पर रोक लगा दी थी।

प्रकाश ने खटखटाया था सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

इसके बाद प्रकाश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कुरियन जोसेफ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने झारखंड हाईकोर्ट को सुनवाई करने के लिए रिमांड किया, लेकिन न्यायधीश ने यह कहते हुए चुनाव पर रोक लगा दी थी कि जब यूनियन का निबंधन ही नहीं तो चुनाव कैसे हो सकता है? इसके बाद प्रकाश ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उधर प्रकाश कुमार ने कहा कि आदेश की अधिकृत प्रति देखने के बाद उस आधार पर हाईकोर्ट से चुनाव की प्रक्रिया निर्धारित कराने की गुहार लगाएंगे जबकि ड्राइब लाइंस यूनियन के महामंत्री आरके सिंह ने कहा है कि अदालत के आदेश को पढ़ने के बाद ही वे इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया देंगे। 

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