स्टील कंपनियां अगले तीन साल में विस्तारीकरण पर खर्च करेगी 60 हजार करोड़ : नरेंद्रन
टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन का मानना है कि कोरोना संक्रमण के बावजूद देश में स्टील की मांग बढ़ेगी। ऐसे में भारत की स्टील कंपनियां 60 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। जाहिर है इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
जासं, जमशेदपुर : कोविड 19 के बाद जिस तेजी से स्टील की डिमांड बढ़ी है उसे देखते हुए अधिकतर स्टील कंपनियां अगले तीन साल में 60 हजार करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाया है। टाटा स्टील भी अपने कलिंगनगर प्रोजेक्ट के दूसरे चरण के विस्तारीकरण में 25 हजार करोड़ रुपये निवेश कर रही है।
यह कहना है कंफडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) के नवनियुक्त चेयरमैन टीवी नरेंद्रन का। पिछले दिनों ऑनलाइन प्रेसवार्ता में उन्होंने ये बातें कहीं। नरेंद्रन का कहना है कि हमने स्टील की बढ़ती डिमांड और इससे होने वाला मुनाफा, दोनो को वापस आते देखा है। इसलिए हम कह सकते हैं कि इसे देखते हुए ही अधिकतर कंपनियां अपने स्टील प्लांट के विस्तारीकरण की योजना पर निवेश कर रही है। हालांकि वैश्विक स्तर पर स्टील की कीमतें बढ़ने से एमएसएमई क्षेत्र के उत्पादन लागत को जरूर प्रभावित किया है लेकिन स्टील की कीमतों में आई उछाल ने स्टील कंपनियों के मुनाफा को भी बढ़ा दिया है इसलिए कंपनियां भविष्य में स्टील की डिमांड को देखते हुए अपनी क्षमता में विस्तार कर रहे हैं। बकौल नरेंद्रन, जब कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाती है तो इससे उनका उत्पादन लागत भी कम होता है और मुनाफा भी बढ़ता है।
वैश्विक स्तर पर भारतीय स्टील की कीमतें अब भी कम
टीवी नरेंद्रन का कहना है कि भले ही स्टील की कीमतों में आई उछाल से एमएसएमई सेक्टर सहित इंजीनियरिंग कंपनियों का उत्पादन लागत प्रभावित हुआ है लेकिन भारतीय स्टील की कीमतें अब भी वैश्विक स्तर पर काफी कम हैं। हालांकि कीमतों में उतार-चढ़ाव उद्योग की वास्तविकता है। इससे कभी उत्पादकों को तो कभी उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाता है लेकिन हम जोखिम लेना ही पड़ता है।
दूसरी छमाही में मांग में आएगी तेजी
टीवी नरेंद्रन ने उम्मीद जताई है कि जिस तरह से देश में कोविड 19 के दूसरे लहर का संक्रमण कम हो रहा है। कई राज्यों में आर्थिक गतिविधियों को अनलॉक किए जा रहे हैं। उसे देखकर तो यही लगता है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही में मांग में तेजी आएगी। कंपनियों के उत्पादन क्षमता में भी सुधार होगा क्योंकि अब आम जनता भी कोविड वैक्सीन के प्रति अधिक जागरूक हुए हैं। मुझे लगता है कि स्टील कंपनियां कोविड 19 के कारण उत्पादन में जितना नुकसान हुआ था उसे फिर से प्राप्त कर लेंगे।