छह कंपनियों ने की पांच करोड़ की बिजली चोरी, कई वरीय अधिकारी फंसे

सेटिंग में बदलाव कर मे.गजानंद फेरो समेत छह कंपनियों ने 5 करोड़ 21 लाख 53 हजार 891 रुपये की बिजली चोरी की है।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Mon, 12 Nov 2018 01:10 PM (IST) Updated:Mon, 12 Nov 2018 01:10 PM (IST)
छह कंपनियों ने की पांच करोड़ की बिजली चोरी, कई वरीय अधिकारी फंसे
छह कंपनियों ने की पांच करोड़ की बिजली चोरी, कई वरीय अधिकारी फंसे

जमशेदपुर, मनोज सिंह। बिजली विभाग के स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से रिले सेटिंग में बदलाव कर मे.गजानंद फेरो समेत छह कंपनियों ने 5 करोड़ 21 लाख 53 हजार 891 रुपये की बिजली चोरी की है। अन्य कंपनियों में नानक इस्पात, मेसर्स नरेडी इंटरनेशनल, मेसर्स कमसा स्टील, मेसर्स पूर्वी आयरन और मेसर्स मां तारा शामिल हैं। इस चोरी का खुलासा एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) प्रमुख अनिल पालटा ने किया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इस मामले में पुलिसिया जांच के बाद आरोपित पदाधिकारियों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई होगी।

राज्य सरकार को सौंपी गई एसआइटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि धालभूमगढ़ की मे. गजांनद फेरो कंपनी ने 9 मार्च 2013 को 27 फीसद रिले सेटिंग बढ़ा कर भार 10500 केवीए कर लिया। लेकिन कंपनी ने लोड 5000 केवीए का ही रखा। इसके बाद से कंपनी लगातार 5500 केवीए भार की चोरी करने लगी। जब बिजली चोरी की बात सामने आई तो 31 मार्च 2016 को कंपनी ने 10500 केवीए से 5000 केवीए का लोड घटाने के लिए आवेदन दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि लोड घटाने के लिए आवेदन तो दिया गया, पर ट्रांसमिशन लाइन में रिले सेटिंग (ब्रेकर) में 10500 केवीए घटाया नहीं गया। जब मामला ऊर्जा विभाग तक पहुंचा तो जमशेदपुर के अधीक्षण अभियंता और दो कार्यपालक अभियंता की टीम सेटिंग बदलने के लिए गई, लेकिन सेटिंग नहीं बदल सकी।

इसके बाद बिजली विभाग के अधिकारी दोबारा गए तो पासवर्ड भूलने की बात कह कर लौट गए। अधिकारियों की इस लापरवाही के कारण कंपनी धड़ल्ले से बिजली चोरी करती रही। बिजली विभाग के अधिकारी जब तीसरी बार 19 अगस्त 2016 को पहुंचे तो पाया कि रिले सेटिंग ही खराब है। एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अन्य पांच कंपनियों ने भी इसी तरह रिले सेटिंग बदलकर बिजली चोरी की है। इस चोरी में तत्कालीन धालभूमगढ़ ग्रिड के अधीक्षण अभियंता रामजनम सिंह, सप्लाई अधीक्षण अभियंता आनंद कौशिक, एमआरटी के कार्यपालक अभियंता सरताज कुरैशी शामिल थे। रामजनम सिंह अवकाश प्राप्त कर चुके हैं।

वरीय अधिकारी भी जान-बूझकर चुप्पी साधे रहे

एसआइटी रिपोर्ट के अनुसार, बिजली विभाग ने रिले सेटिंग मंे बदलाव के लिए न तो कोई नियम बनाया था, और ना ही इस बाबत कोई आदेश दिया था। बिजली चोरी कंपनी मालिकों और अधिकारियों की मिलीभगत से हुई। जमशेदपुर सर्किल से जब रिले सेटिंग में बदलाव के बारे में एसआइटी ने पूछा तो उसके समक्ष कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया। वरीय अधिकारियों ने भी जान-बूझकर निगरानी नहीं की। सभी चुप्पी साधे रहे।

एसआइटी जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। सीसीआर डीएसपी को जांच की जिम्मेवारी सौंपी गई है। उन्हें जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

- अनूप बिरथरे, एसएसपी, जमशेदपुर।

chat bot
आपका साथी