दूसरों का कॉल रिकॉर्ड करना पड़ सकता है महंगा, ऐसे कर सकते हैं कानूनी कार्रवाई

पेगासस की फोन टैपिंग सॉफ्टवेयर ने दुनिया भर में हंगामा बरपा दिया है। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर फोन टैपिंग कैसे होती है। अगर कोई अनधिकृत तौर पर आपका फोन टैप किया तो उसे सजा भी हो सकती है।

By Jitendra SinghEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 09:32 AM (IST)
दूसरों का कॉल रिकॉर्ड करना पड़ सकता है महंगा, ऐसे कर सकते हैं कानूनी कार्रवाई
दूसरों का कॉल रिकार्ड करना पड़ सकता है महंगा, ऐसे कर सकते हैं कानूनी कार्रवाई

जमशेदपुर : यदि आप मजाक में भी किसी दूसरे का कॉल रिकॉर्ड करते हैं और यदि इसकी शिकायत कर दी जाएं तो आपको भारी महंगा पड़ सकता है। हाल ही में एक रिपोर्ट पर जमकर हंगामा हो रहा है। जिसमें पेगासस स्पाइवेयर की मदद से भारतीय यूजर्स की जासूसी की जा रही है। जानकारी हो कि 2019 में भी भारत समेत दुनिया के 20 देशों में हो रहे पेगासस स्पाइवेयर को लेकर इजरायली स्पाइवेयर के निर्माता एनएसओ ग्रुप पर मुकदमा दायर किया था।

आखिर क्या है फोन टैपिंग

जमशेदपुर के जाने-माने वकील सुधीर कुमार पप्पू ने बताया कि फोन टैपिंग के जरिए कोई राज्य या केंद्र सरकार तथा कानूनी एजेंसियां किसी व्यक्ति के फोन पर होने वाली बातचीत की निगरानी करती है। कानून के अनुसार किसी की भी बातचीत को रिकार्ड सुनना या दूसरे को सुनाना पूरी तरह गैर कानूनी है। यह निजता का अधिकार का हनन है। अगर सरकार या कानूनी एजेंसियों को किसी व्यक्ति पर गैरकानूनी या देश विरोधी काम में लिप्त होने का शक होता है तो उसकी फोन टैपिंग किया जा सकता है। वैसे यह सब इतना आसान नहीं होता, इसके लिए बकायदा कानून बना हुआ है।

इस कानून के तहत होता है रेगुलेशन

इंडियन टेलिग्राफ एक्ट 1885 के सेक्शन 5(2) के तहत केंद्र या राज्य सरकार के पास फोन टैपिंग करने का अधिकार है। अगर सरकार या कानूनी एजेंसियों को किसी व्यक्ति पर गैरकानूनी या देश विरोधी काम में लिप्त होने का खतरा होता है तो उसकी फोन टैपिंग किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में सरकार राज्य जनहित में किसी की भी बातचीत को उसे बिना बताए रिकॉर्ड कर सकती है। हालांकि, सामान्य परिस्थिति में किसी की भी बातचीत को उसकी बिना इजाजत के आर्टिकल 21 के तहत रिकार्ड करना गैरकानूनी है। उच्चतम न्यायालय के अनुसार आर्टिकल 21 के तहत जीवन का मूलभूत अधिकार दिया गया है। और निजता का अधिकार उसका अखंड हिस्सा है।

कॉल रिकॉर्ड कर उसे दूसरे को सुनाना पड़ेगा महंगा

प्राय: देखने को मिलता है कि लोग आने वाले हर कॉल को रिकॉर्ड करते हैं। स्मार्टफोन के समय में तमाम ऐप्स ने यह बेहद आसान भी बना दिया है। बहुत सारे लोग किसी की कॉल को रिकॉर्ड कर उसे किसी दूसरे को सुनाते है लेकिन कानून की दृष्टि में यह निजता का अधिकार का उल्लंघन है। अगर आप किसी दूसरे का रिकॉर्ड रखते हैं और उसे पता चल जाता है तो वह आपके खिलाफ शिकायत कर सकता है। ऐसे में आप पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

कॉल रिकॉर्ड हो तो ऐसे करें शिकायत

यदि आपको लगता है कि कोई आपकी बातचीत को रिकार्ड कर रहा है तो आप इसकी शिकायत मानवाधिकार आयोग से कर सकते हैं। यदि आपको किसी पर शक है तो उसके खिलाफ थाने में एफआइआर दर्ज करा सकते हैं। यदि किसी अधिकारी ने केंद्र या राज्य सरकार के निर्देश पर कॉल रिकॉर्ड किया है और किसी ऐसे व्यक्ति को लीक कर दिया, जिसे नहीं करना चाहिए, ऐसी स्थिति में इंडियन टेलिग्राफ एक्ट के सेक्शन 26 बी के तहत आरोपित पर मुकदमा कर सकते हैं।

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