सरकारी स्कूलों के विलय से फूटा गुस्सा, गांवों में निकली रैलियां
स्कूलाें के विलय के खिलाफ घाटशिला और पोटका में ग्रामीणों ने रैली निकाली और सरकार को फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा।
जमशेदपुर, जेएनएन। सरकार जहां छात्र संख्या को आधार बनाकर कम छात्रों वाले स्कूलों के विलय के फैसले को अमलीजामा पहुंचाने पर अडिग है वहीं व्यापक पैमाने पर इसका विरोध भी हो रहा है। चूंकि अधिकतकर स्कूल ग्रामांचल में हैं, विरोध के स्वर वही ज्यादा उठ रहे हैं। स्कूलों को बंद करने के फैसले के खिलाफ गांवों में रैलियां निकाली जा रही हैं। इसमें अभिभावक और बच्चे शामिल हो रहे हैं और विलय रोकने की मांग के पक्ष में तर्क दिया जा रहा है।
बुधवार को घाटशिला प्रखंड के नक्सल प्रभावित बाघुडि़या के डुमकाकोचा के ग्रामीणों ने बैठक की और स्कूल के विलय का विरोध किया। ग्रामीणों का कहना रहा कि गांव के 10 किलोमीटर के दायरे में एक भी विद्यालय नहीं है। गांव नक्सल प्रभावित इलाके में आता है। ऐसे में सरकार के विद्यालय के विलय के फैसले से गांव के बच्चे शिक्षा से वंचित रहे जाएंगे। वैसे भी विद्यालय का विलय जमशेदपुर प्रखंड में किया जा रहा है। वहां बच्चों को आना-जाने में काफी मुश्किलें पेश आएंगी। जंगल की सड़क पर अक्सर हाथी निकल कर उत्पात मचाते हैं। बच्चों के मां-बाप कैसे जोखिम में डालकर बच्चों को स्कूल भेजेंगे।
पोटका में भी निकली रैली
पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका इलाके में भी ग्रामीणों ने विद्यालय विलय के खिलाफ रैली निकाली और सरकार के फैसले को गलत करार दिया। पोटका के किसानडीह प्राथमिक विद्यालय का दूसरे विद्यालय में विलय किया जा रहा है। ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि किसी भी सूरत में स्कूल का विलय नहीं होने दिया जाएगा।
पटमदा में पारा शिक्षकों की रैली
उधर जिले के पटमदा में एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने रैली निकाली और एकजुटता का परिचय दिया। पारा शिक्षक मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। सरकार की कोशिशों के बावजूद पारा शिक्षकों का आंदोलन जारी है और स्कूलों की व्यवस्था बेपटरी हो चली है।
मुखिया संघ ने कहा, शिक्षक हों बहाल
घाटशिला प्रखंड मुखिया संघ ने भी स्कूलों के विलय का विरोध किया है। संघ ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन कर मांग रखी कि सरकार स्कूलों के विलय की वजाय शिक्षकों की बहाली करे।