जानलेवा एनएच 33 पर पूरे नहीं हुएजनप्रतिनिधियों के वादे

कोल्हान की लाइफ लाइन कहे जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 33 पर जनप्रतिनिधियों का वादा पूरा नहीं हुआ। सड़क की हालत नहीं सुधरी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Aug 2018 11:31 AM (IST) Updated:Sat, 25 Aug 2018 12:38 PM (IST)
जानलेवा एनएच 33 पर पूरे नहीं हुएजनप्रतिनिधियों के वादे
जानलेवा एनएच 33 पर पूरे नहीं हुएजनप्रतिनिधियों के वादे

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : कोल्हान की लाइफ लाइन कहे जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 33 पर जनप्रतिनिधियों के वादे कभी खरे नहीं उतर सके। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से लेकर सांसद और विधायक तक ने एनएच-33 को लेकर कई वादे किए लेकिन इनमें से एक भी पूरे नहीं हुए। जन प्रतिनिधियों की बेपरवाही का नतीजा है कि एनएच-33 जानलेवा हो गया है। इसकी हालात बेहद खस्ता है। जगह-जगह से सड़क टूट गईं हैं। गालूडीह से जमशेदपुर के पारडीह कालीमंदिर तक सड़क बेहद जर्जर है। इस पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। सड़क चलने लायक नहीं बची है। इससे लोगों में नाराजगी है। सिंहभूम चैंबर आफ कामर्स पारडीह कालीमंदिर के पास एक दिवसीय धरना देकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुका है। इसके बाद भी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है।

नितिन गडकरी भी नहीं निभा सके एनएच का वादा: महुलिया से बहरागोड़ा तक एनएच-33 का शिलान्यास करने 27 जनवरी, 2016 को घाटशिला आए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंच से एलान किया था कि मार्च 2017 तक रांची से जमशेदपुर तक एनएच-33 टनाटन हो जाएगा। लेकिन, अपने वादे पर वो खरे नहीं उतर सके। वादा निभाने के लिए केंद्रीय मंत्री ने कोई ठोस पहल तक नहीं की।

सांसद भी डेड लाइन में हुए फेल: सांसद विद्युत वरण महतो ने 2015 में जमशेदपुर में एक प्रेस कांफ्रेंस में बोले थे कि उनकी केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री से बात हुई है। एनएच-33 का काम मधुकॉन से लेकर जल्द ही दूसरी कंपनी से कराया जाएगा। 2017 तक सड़क दुरुस्त हो जाएगी। लेकिन, उनकी डेड लाइन भी सही साबित नहीं हो सकी। इसके बाद भी एनएच-33 के जल्द दुरुस्त होने के उनके बयान आते रहे। लेकिन, एनएच-33 की जानलेवा स्थिति से साफ है कि कोई भी वादे सच्चे साबित नहीं हुए।

10 मई तक निर्माण शुरू कराने का वादा भी अधूरा : एनएच-33 पर सीएम रघुवर दास ने दो मई को दिल्ली जाकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी। इस बैठक में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने 10 मई तक एनएच-33 पर ठोस फैसला लेने की बात कही थी। बैठक में तय हुआ था कि अगर 10 मई तक मधुकॉन ने एनएच-33 के निर्माण का काम शुरू नहीं किया तो टेंडर निरस्त कर दिया जाएगा। एनएचएआइ सड़क निर्माण कराएगी। लेकिन, ऐसा नहीं हो सका।

सड़क सुरक्षा के सदस्य भी खरे नहीं उतरे: राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य रवींद्र तिवारी ने 28 जून को जमशेदपुर सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि एनएच-33 को हर हाल में ठीक कराया जाएगा। मधुकॉन पर कार्रवाई होगी लेकिन अब तक इस दिशा में सरकार ने कोई ठोस पहल नहीं की है।

पूर्व सीएम भी नहीं बनवा सके एनएच-33: पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने भी जमशेदपुर में सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए अक्टूबर 2013 में कहा था कि एनएच-33 के निर्माण में तेजी लाई जाएगी। मधुकॉन पर शिकंजा कसा जाएगा। लेकिन, ऐसा नहीं हो सका।

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