भालूबासा-एग्रिको सड़क चौड़ीकरण से सहमे लोग

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : भालूबासा से बारीडीह चौक तक सड़क को फोरलेन किया जाएगा। इस

By Edited By: Publish:Tue, 24 May 2016 03:03 AM (IST) Updated:Tue, 24 May 2016 03:03 AM (IST)
भालूबासा-एग्रिको सड़क चौड़ीकरण से सहमे लोग

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : भालूबासा से बारीडीह चौक तक सड़क को फोरलेन किया जाएगा। इसको लेकर जुस्को ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। जुस्को अधिकारियों ने दो दिन पहले सड़क चौड़ीकरण के लिए कई जगह मापी कराई है। साथ ही अतिक्रमण के दायरे में आ रही कई दुकानों को भी चिह्नित किया है। सड़क के लिए करीब 22 फीट जगह ली जाएगी। सड़क चौड़ीकरण से पहले सड़क के दोनों और अतिक्रमण को हटाया जाएगा। जुस्को का कहना है कि सड़क किनारे जिन लोगों ने भी निर्धारित जगह से ज्यादा मकान अथवा दुकान को बढ़ा दिया है, वह सब टूटेंगी। इसके लिए 25 मई के बाद अभियान चलाने की बात सामने आ रही है। इससे सड़क किनारे बरसों से रह रहे स्थानीय लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। इन लोगों का कहना है कि हम लोग 1950 से भी पहले से यहां रहकर गुजर-बसर कर रहे हैं। हम लोग सड़क बनाने से किसी को नहीं रोक रहे, बस इतना चाहते हैं कि सड़क चौड़ी हो मगर उनके घरों को छोड़कर। अगर घर तक सड़क ही बन जाएगी तो हम रहेंगे कैसे?

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मैं यहां 1950 से सब्जी दुकान लगा रही हूं। सन् 1998 में दुकानें टूटी थी तब रघुवर दास विधायक थे। दूसरी पार्टी की सरकार होने की बात कहकर मदद करने में असमर्थता जाहिर की थी। आज वह सीएम हैं। उनकी सरकार है। वह दूसरी जगह दुकान दे दें। इसके बाद इसे हटा दें। मेरे तीन बच्चे हैं। सभी विकलांग। दुकान चली गई तो घर कैसे चलेगा।

-साधना दास, सब्जी विक्रेता।

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भालूबासा चौक पर पहले से पुल बना है। उसी हिसाब से सड़क बननी चाहिए। जुस्को अधिकारी दो दिन पहले आए थे। घर से बिल्कुल सटाकर मापी कर रहे हैं। यह गलत है।

-महेन्द्र रजक, स्थानीय निवासी।

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सड़क बननी चाहिए मगर नियमों का पालन करते हुए। घर की सीमा से सटाकर सड़क ही बना देंगे तो बच्चे खेलेंगे कहां? विकास जनता की सुविधा के लिए होना चाहिए, परेशानी के लिए नहीं।

रामकृष्ण रजक, भालूबासा

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सड़क के दोनों ओर बराबर-बराबर मापी हो। हम सभी रोज कमाने-खाने वाले हैं। बरसों से यहां रह रहे हैं। सड़क चौड़ीकरण के नाम पर हमें प्रशासन परेशान न करे। हमारी समस्या को भी देखे।

-धानमनी देवी

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प्रशासन घर छोड़कर सड़क बनाए। कम से कम हमें कमाने-खाने की जगह तो दें। मापी घर से बिल्कुल सटाकर की जा रही है। इसी से सभी चिंतित हैं। अतिक्रमण हटाने के लिए कोई नोटिस नहीं मिला है।

-सुनैना देवी, भालूबासा।

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