राज्य में कहीं से आने पर टेस्टिग-क्वारंटाइन की जरूरत नहीं

राज्य के किसी जिले से कोई कर्मचारी या अधिकारी शहर पहुंचता है तो उसे टीएमएच जाकर कोविड-19 की टेस्टिग या क्वारंटाइन होने की आवश्यकता नहीं है। टाटा स्टील प्रबंधन ने बुधवार को जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए नया आदेश जारी किया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 03:59 AM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 06:16 AM (IST)
राज्य में कहीं से आने पर टेस्टिग-क्वारंटाइन की जरूरत नहीं
राज्य में कहीं से आने पर टेस्टिग-क्वारंटाइन की जरूरत नहीं

जासं, जमशेदपुर : राज्य के किसी जिले से कोई कर्मचारी या अधिकारी शहर पहुंचता है तो उसे टीएमएच जाकर कोविड-19 की टेस्टिग या क्वारंटाइन होने की आवश्यकता नहीं है। टाटा स्टील प्रबंधन ने बुधवार को जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए नया आदेश जारी किया है।

कंपनी प्रबंधन द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार कर्मचारी यदि झारखंड के किसी भी जिले से आते हैं तो उन्हें टेस्ट की आवश्यकता नहीं है। लेकिन वे ओडिशा या देश के दूसरे राज्यों से आते हैं तो उन्हें पूर्व की तरह स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश का अनुपालन करना होगा। लेकिन अब 21 के बजाए उन्हें 14 दिन क्वारंटाइन या होम क्वारंटाइन में रहना होगा। वहीं, आवश्यक सेवाओं में लगे कर्मचारी पूर्व की तरह अपनी ड्यूटी करते रहेंगे। यदि किसी कर्मचारी के आवासीय क्षेत्र कंटेनमेंट जोन में आता है और वे ड्यूटी आने में असमर्थ है तो उन्हें इसकी जानकारी अपने विभागीय अधिकारी को देनी होगी। जो कर्मचारी पूर्व की तरह वर्कफ्रॉम कर रहे थे, वर्तमान में भी घर से काम करते रहेंगे। नए कर्मचारी वर्कफ्रॉम होने करने से पहले अपने विभागीय वाइस प्रेसिडेंट से अनुमति लेनी होगी।

कोरोना वारियर्स डॉक्टर की हुई मौत के बाद पत्नी, बेटा व चालक का लिया गया

कोरोना ड्यूटी में तैनात डॉ. वीरेंद्र सेठ की मौत के बाद बुधवार को उनकी पत्नी, बेटा व चालक का नमूना लिया गया। सबको इसके बाद सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बताया जा रहा है कि पत्नी व बेटे को सर्दी की शिकायत होने पर वे लोग टीएमएच में गए लेकिन सभी को सामान्य बताया गया। इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध किया तो उनका नमूना लिया गया। डॉ. वीरेंद्र सेठ डुमरिया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी थी। ड्यूटी के दौरान उनकी स्थिति बिगड़ गई थी। इसके बाद उनको टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) में भर्ती कराया गया था। जहां पर उनकी मौत हो गई थी।

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