बदलेगी एनएच-33 की तस्वीर, तीन कंपनियों ने डाला मरम्मत का टेंडर

जर्जर और बदहाल हो चुके जानलेवा राची-महुलिया राष्ट्रीय राजमार्ग 33 की तस्वीर बदलेगी। तीन कंपनियों ने टेंडर डाला है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 12:04 PM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 12:04 PM (IST)
बदलेगी एनएच-33 की तस्वीर, तीन  कंपनियों ने डाला मरम्मत का टेंडर
बदलेगी एनएच-33 की तस्वीर, तीन कंपनियों ने डाला मरम्मत का टेंडर

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जर्जर और बदहाल हो चुके जानलेवा राची-महुलिया राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 33 की मरम्मत का टेंडर बुधवार को खोल दिया गया है। इस बार तीन कंपनियों ने मरम्मत का टेंडर डाला है। जिन कंपनियों ने टेंडर डाला है उसमें खोखर कंस्ट्रक्शन ,जय माता दी कंस्ट्रक्शन कंपनी और स्पाइका प्रोजेक्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। गुरुवार को टेंडर की वित्तीय बिड खोली जाएगी। इसमें पता चलेगा कि कौन सी कंपनी कितने करोड़ में एनएच-33 की मरम्मत करना चाहती है। जिस कंपनी ने कम लागत में टेंडर डाला होगा उसी को काम दिया जाएगा। एनएचएआई (भारतीय राष्ट्री राजमार्ग प्राधिकरण) के राची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के अनुसार किसी एक कंपनी को टेंडर मिलने के बाद जल्द से जल्द उस कंपनी से करार कर मरम्मत का काम शुरू करने को कहा जाएगा।

इस मरम्मत के लिए एनएचएआई ने पहले भी टेंडर निकाला था। 20 अगस्त को यह टेंडर खोला गया था। लेकिन किसी भी कंपनी ने टेंडर नहीं डाला था। इसी वजह से दोबारा टेंडर निकाला गया है।

अभी एनएच-33 की हालत काफी खराब हो गई है। इस पर बड़े-बड़े गढ्डे हैं। बरसात में गढ्डों की गहराई और आकार में इजाफा हो गया है। इसके चलते वाहनों का आवागमन काफी दुश्वार हो गया है। एनएच-33 के निर्माण का जिम्मा 2012 में मधुकॉन प्राइवेट लिमिटेड को मिला था। लेकिन कंपनी ने 163.500 किलोमीटर लंबे एनएच 33 में से सिर्फ 63 किलोमीटर लंबी सड़क का ही निर्माण कराया। इस साल फरवरी में कंपनी ने अपने हाथ खड़े करते हुए एनएच-33 का काम रोक दिया। इसके बाद से एनएच-33 की हालत बदतर होती चली जा रही है। एनएच-33 के निर्माण के लिए दैनिक जागरण अभियान चला रहा है। इसका असर ये हुआ कि एनएचएआइ ने एनएच-33 की मरम्मत के लिए 17 करोड़ रुपये जारी किए। इस रकम से राची से महुलिया तक एनएच-33 की मरम्मत की जाएगी। गुरुवार को टेंडर को अंतिम रुप दिया जाना है।

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इस बार बारीक निगरानी करेगा एनएचएआई

इस बार एनएचएआइ मरम्मत के काम की बारीकी से निगरानी करेगी। ताकि पिछले सालों की तरह मरम्मत के लिए आए पैसे का दुरुपयोग नहीं हो सके। गौरतलब है कि पिछले साल भी एनएचएआई ने मरम्मत के लिए 21 करोड़ रुपए जारी किए थे। इस रकम से मरम्मत तो हुई लेकिन इसकी गुणवत्ता इतनी खराब थी कि दो-तीन महीने के अंदर ही एनएच-33 फिर से जर्जर दिखने लगा।

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