बेटे के गम में दिन भर चीख-चीख कर रोती रही मां

अपने 11 साल के बेटे शुभो भुइमाली को याद कर उसकी मां जनोता भुइमाली अब तक रो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Jul 2019 07:45 AM (IST) Updated:Mon, 08 Jul 2019 07:45 AM (IST)
बेटे के गम में दिन भर चीख-चीख कर रोती रही मां
बेटे के गम में दिन भर चीख-चीख कर रोती रही मां

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : अपने 11 साल के बेटे शुभो भुइमाली को याद कर उसकी मां जनोता भुइमाली अब तक रो रही है। अमार बाबू कोथाय गेछे.. अमार बाबू के निएं आसो। मेरा बाबू कहां गया। बाबू को ला दो। टेल्को के घड़ीपार्क के आउट हाउस के आसपास रहने वालों का दिल उसके करुण क्रंदन से पसीज रहा है। घटना के बाद से जनोता का रो रो कर जो हाल था वो अब भी है। वो अब भी पछाड़ें खा रही है। रो रही है। चीख रही है। उसकी मासूम बेटी खुशी मां को चुप कराती है। उसने दिन भर कुछ नहीं खाया। जनोता ने पड़ोसियों को घटना के बारे बताया कि वो सो गई थी और इसके बाद क्या हुआ उसे कुछ नहीं पता। अचानक आंख खुली तो बेटे का शव देखा। बहरहाल, जनोता का बेटा तो मर ही गया, सुहाग भी सलाखों के पीछे होगा। ऐसे में जिंदगी काटना मुश्किल हो जाएगी। जनोता भुइमाली का मायका पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में है। उसके पिता बीरभूम जिले के रामपुरहाट के रहने वाले हैं। घटना की सूचना मायके वालों को सुबह दी गई है। वो लोग रविवार की देर रात तक पहुंच जाएंगे।

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बेटो को खाना नहीं देता था बाप

घड़ी पार्क के लोग बताते हैं कि दलमा गेस्ट हाउस में काम करने वाला समीर बड़ा बेरहम था। वो अपने बेटे शुभो को अक्सर खाना नहीं देता था। पड़ोसी रामकुमार बताता है कि एक बार शुभो ने एक पड़ोसी के घर खाना खा लिया। समीर को पता चला कि उसने मार-मार कर शुभो की खाल उधेड़ दी। खाना खिलाने वाले पड़ोसी से भी झंझट की। तब से बेटा चाहे जितना भूखा रहे किसी से खाना नहीं मांगता था।

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लोग आए तो आंगन में पड़ा था शव

जब जनोता भुइमाली ने शोर मचाया तो लोग दौड़ कर उसके घर गए। लोगों ने देखा कि शव फर्श पर पड़ा था। पड़ोसियों का कहना है कि समीर ने पहले बेटे को मार दिया होगा और इसके बाद बचने के लिए फांसी दिखाने की कोशिश की।

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समीर नहीं उठा रहा था बेटे की लाश

शुभो के मर जाने के बाद भी समीर (पिता) ने लाश उठाने से साफ मना कर दिया। कई लोगों ने शव उठाने को कहा तो भी नहीं उठाया। इसपर भीड़ ने उसे पीटना शुरू कर दिया।

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मुंह नहीं खोल रहे मृतक के परिजन

शुभो की मां तो तो अबतक रो रही है। इसी वजह से पुलिस ने भी उससे अब तक घटना के बारे में कोई पूछताछ नहीं की है। जबकि, मृतक के अन्य परिजन भी इस मामले में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। समीर का एक भाई बारीडीह में रहता है। पोस्टमार्टम कराने तक की जिम्मेदारी निभाने वाले समीर के भतीजे ने भी इस संबंध में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

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