मंत्री सरयू राय की खरी-खरी, स्टील सिटी नहीं, अनियमितताओं का शहर है जमशेदपुर

खाद्य व आपूर्ति मंत्री सह जमशेदपुर पश्चिम से भाजपा विधायक सरयू राय ने कहा है कि जमशेदपुर स्टील सिटी नहीं, अनियमितताओं का शहर हो गया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Sun, 30 Dec 2018 11:26 AM (IST) Updated:Sun, 30 Dec 2018 11:26 AM (IST)
मंत्री सरयू राय की खरी-खरी, स्टील सिटी नहीं, अनियमितताओं का शहर है जमशेदपुर
मंत्री सरयू राय की खरी-खरी, स्टील सिटी नहीं, अनियमितताओं का शहर है जमशेदपुर

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। राज्य के खाद्य व आपूर्ति मंत्री सह जमशेदपुर पश्चिम से भाजपा विधायक सरयू राय ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि जमशेदपुर स्टील सिटी नहीं, अनियमितताओं का शहर हो गया है। अपने इस कथन के समर्थन में उन्होंने कई उदाहरण दिए।

सरयू ने जमशेदपुर अक्षेस को असंवैधानिक करार दिया। मालिकाना हक देने के लिए कानून बनाने की वकालत की। टाटा लीज समझौते को लागू करने पर सवाल उठाए। मेरिन ड्राइव पर एक मॉल के निर्माण कार्य को भी सवालों के घेरे में रखा। शहर में यातायात नियमों का अनुपालन नहीं होने का उदाहरण दिया। लगे हाथ यह भी याद दिला दी है कि 2019 चुनावी साल है। सरकार को यह याद रखना होगा क्योंकि यदि जनता के काम नहीं हुए तो लोग चुनाव के दौरान सवाल तो उठा ही सकते हैं। सरयू राय बिष्टुपुर स्थित अपने आवासीय कार्यालय में संवाददाताओं के बात कर रहे थे।

जमशेदपुर अक्षेस असंवैधानिक 

सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर यह ऐसा शहर है जहां जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (अक्षेस) नाम की असंवैधानिक संस्था चल रही है। कानून के हिसाब से इसका कोई अस्तित्व नहीं है। सरकार में अभी भी इस बात पर पेच है कि जमशेदपुर औद्योगिक नगर बनेगा या नगर निगम। लेकिन, जो संस्था यहां काम कर रही है, उसको सरकार को वैधानिक करना चाहिए। इससे राजस्व का भी बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है।

मालिकाना हक को कानून बनाए सरकार

सरयू ने कहा कि शहर की बस्तियों के मालिकाना हक की समस्या तस की तस है। सरकार को किसी न किसी रूप में मालिकाना हक देना चाहिए। इसके लिए विधेयक लाकर कानून बनाना चाहिए, राज्य गठन की तारीख को कट ऑफ डेट मानते हुए। इससे सरकार को राजस्व भी मिलेगा और बस्ती के लोगों को मालिकाना हक भी मिल जाएगा। चुनावी साल है, सरकार को इन समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए, नहीं तो जनता चुनाव में इन्हें लेकर सवाल जरूर उठाएगी।

मेरिन ड्राइव पर मॉल बनने से गायब हो गई पूरी बस्ती 

उन्होंने कहा कि मेरिन ड्राइव पर ब्रrाकुमारीज के पास एक मॉल बन रहा है। उसके पीछे के 30-35 घरों की बस्ती गायब हो गई है। उस मॉल का नक्शा भी पास है या नहीं यह अलग बात है, लेकिन बस्ती गायब होने से प्रतीत होता है कि बिल्डर ने पैसे देकर बस्ती के लोगों को कहीं और भेज दिया है। अभी प्रकाश झा ने फोन किया था कि बहुत निवेश करके मॉल तो बना दिया, पर रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है। बिष्टुपुर कांट्रेक्टर्स एरिया में एक बिल्डिंग जिसका दुबई कनेक्शन भी है, ईडी की लखनऊ बेंच तक मामला गया हुआ है, उसका भी निर्माण कार्य शुरू हो गया है। टाटा स्टील से लीज समझौता कैसे लागू कराएगी सरकार, स्पष्ट नहीं हो पा रहा है।

बिना लाइसेंस के किशोर चला रहे डंपर, हाइवा 

उन्होंने कहा कि बिना लाइसेंस के किशोर शहर में हाइवा, डंपर व ट्रक चला रहे हैं। शनिवार को ही एम वाकया मेरे सामने हुआ। एक युवक ने सबको दरकिनार करते हुए दाहिनी ओर तेज रफ्तार में गाड़ी चलाकर सड़क को जाम कर दिया। गाड़ी नंबर, चालक की फोटो के साथ इसकी जानकारी ट्रैफिक डीएसपी को दी। कार्रवाई के लिए। सरयू ने कहा कि जब तीन पहिया वाहनों की समस्या होती है तो 10 उपाय किए जाते हैं। अब जब सामान्य स्थिति है तो उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए, लेकिन शासन-प्रशासन सब चुप हैं। नींद तब टूटेगी जब फिर से हड़ताल होगी। सरयू ने कहा कि मैंने दो बार बैठक करके शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू कराने को कहा। जेएनयूआरएम की बसें सड़ रहीं हैं, लेकिन किसी के कान पर जूं नहीं रेंग रहा है।

मंत्री की खरी-खरी

- जमशेदपुर अक्षेस का कानूनी रूप से कोई अस्तित्व ही नहीं

- मालिकाना हक देने को सरकार बनाए कानून, 2019 चुनावी साल

- कैसे लागू होगा टाटा लीज समझौता, नहीं हो रहा स्पष्ट

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