फर्जी सिम से राशन घोटाले को सरयू राय ने किया खारिज, कही ये बात

Food scam. मंत्री सरयू राय ने कहा कि गत 29 दिसंबर को पुलिस द्वारा बड़ी संख्या में जब्त फर्जी सिम कार्ड साइबर क्राइम से जुड़े हैं न कि खाद्यान्न की कालाबाजारी से।

By Rakesh RanjanEdited By: Publish:Thu, 17 Jan 2019 12:01 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jan 2019 12:01 PM (IST)
फर्जी सिम से राशन घोटाले को सरयू राय ने किया खारिज, कही ये बात
फर्जी सिम से राशन घोटाले को सरयू राय ने किया खारिज, कही ये बात

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। फर्जी सिम से वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) लेकर पूर्वी सिंहभूम जिले में चल रहे राशन घोटाले के पुलिस खुलासे को विभागीय मंत्री सरयू राय ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। जिले के वरीय पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे ने इसका दमखम के साथ खुलासा किया था और कुछ को सलाखों के पीछे भी भेजा था।

खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय ने कहा कि गत 29 दिसंबर को पुलिस द्वारा बड़ी संख्या में जब्त फर्जी सिम कार्ड साइबर क्राइम से जुड़े हैं न कि खाद्यान्न की कालाबाजारी से। इस बात को सनसनीखेज रूप में प्रस्तुत किया गया। मंत्री सरयू राय परिसदन में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि करीब 438 सिम कार्ड बरामद हुए थे, जिसमें से 6 सिम कार्ड ऐसे थे जिनका पीडीएस से जुड़ाव था। इन 6 में भी दो लोग गलत नहीं पाए गए। सभी डीलरों के ओटीपी की जांच की गई। 194 को शो कॉज किया गया। विभाग को निर्देश दिया गया है कि पूरे मसले को जरूरत से ज्यादा आपराधिक बनाए जाने के बजाय कार्रवाई करते हुए लाइसेंस रद करें, अधिप्राप्ति की वसूली करें, एफआइआर करें।

एनआइसी की टीम करेगी जांच

फर्जीवाड़ा का यह माहौल बना कि जितने भी सिम बरामद हुए हैं, सबका इस्तेमाल ओटीपी के लिए हुआ है, यह सही नहीं है। एनआइसी की टीम इस बात की जांच करेगी कि इस जिले के बाहर भी इन सिमों का इस्तेमाल फर्जी तरीके से पीडीएस खरीद हेतु न किया गया हो।उन्होंने बताया कि सारी सूचनाओं को विभाग की एनआइसी टीम के साथ शेयर करते हुए राज्यस्तर पर इस कार्य के लिए प्रयोग में लाए गए सिम कार्ड की गहराई से जांच करने का निर्देश दिया गया है।

एफसीआइ गोदाम में तैयार होंगे खाद्यान्न के पांच किलो के पैकेट

मंत्री सरयू राय ने बताया है कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से बातचीत हुई और सचिव स्तर से ज्वाइंट सेक्रेट्री भारत सरकार से भी बात की गई। राज्य सरकार द्वारा एक प्रस्ताव तैयार करके भेजा जा रहा है कि एफसीआइ के गोदाम में पांच किलो के पैकेट तैयार किए जाएं। इससे अनाज की तौल कम होने की शिकायतें दूर होंगी। राशन डीलर भी इस तरह की शिकायत नहीं कर सकेंगे। लाभुकों को भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस प्रस्ताव पर भारत सरकार सहमत हो गई है। राज्य सरकार अपने पैसे से खाद्यान्न की पैकेजिंग कराएगी।

डीलरों को सरकार देगी मेहनताना

मंत्री ने बताया कि प्राय: बहुत जगहों से राशन डीलरों से यह बात सामने आई है कि मशीनीकरण से उनकी आय में कमी आई है और कई जगह कार्डों में भी विसंगतियां हैं। यदि कोई ग्राहक अपने पीडीएस डीलर से संतुष्ट नहीं है तो किसी दूसरे नजदीकी डीलर से वह राशन ले सकता है। जिन पीडीएस डीलरों की भूमिका अच्छी है, उन्हें साल में सम्मानित भी करेंगे।

राशन कार्डधारी का वार्षिक ई-केवाईसी

साल में एक बार राशन दुकान में उपस्थित होकर यूआइडी के सॉफ्टवेयर के जरिए लाभुक की पहचान सुनिश्चित की जाएगी। मृत्यु अथवा विवाह के कारण आने वाले बदलावों को अद्यतन करने के लिए राशन लाभुकों का ई-केवाईसी प्रतिवर्ष कराया जाएगा जिससे सभी लोगों की पहचान हो जाए।

राशन कार्ड सरेंडर से बन रही जगह

मंत्री सरयू राय ने बताया कि लोगों से कार्ड सरेंडर करने का आह्वान बार-बार किया जाता है। हर महीने कुछ न कुछ सरेंडर हो रहा है, जिससे नीचे जगह भी बन रही है। गढ़वा जिले से सूचना मिली थी कि वहां पर नोटिस बोर्ड में लगाया गया है कि नए राशन कार्ड नहीं बनेंगे इसलिए अप्लाई न करें। यह सही नहीं है।

अनाज के लिए तोड़ रहे परिवार

मंत्री ने कहा कि यह त्रुटि सामने आ रही है कि पीटीजी ग्रुप को डाकिया सिस्टम से 35 किलो अनाज दे रहे हैं। अनाज के लिए लोग अपने परिवार को तोड़ रहे हैं। इस विसंगति को दूर करने के लिए प्रशासन की सहायता लेने का निर्णय लिया है।

किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 200 रुपये बोनस

किसानों को धान की खरीद पर मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 200 रुपये बोनस देने का प्रस्ताव दिया गया है। किसानों को बोनस का पैसा विभाग के पैसे से दिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट से हलफनामा वापस ले सरकार

सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर में नगर निगम या इंडस्ट्रियल टाउन के मुद्दे पर सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामा वापस लिया जाना चाहिए। इस जनहित के मुद्दे पर ठंडे दिमाग से सब विभाग, मंत्री व मुख्यमंत्री विचार करें। कंपनी एरिया के बाहर टाटा द्वारा बिजली देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि केवल बिजली ही क्यों, पानी, साफ-सफाई सहित अन्य सुविधाएं भी टाटा स्टील लीज समझौते के अनुसार दे। सरकार ने बिजली आपूर्ति की आधारभूत संरचना पर बहुत खर्च कर दिया है। खर्च करने के पहले ही सरकार को यह काम टाटा को दे देना चाहिए था।  

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