नमो देव्यै : कोरोना काल में बुजुर्गों में भरी जीने की चाह, बच्चों को दिया नया जीवन

बागबेड़ा हरहरगुट्टू निवासी योग शिक्षिका कुमकुम सिंह ने ओमशांति इंस्टीच्यूट ऑफ योगा के माध्यम से बुजुर्ग बच्चों व युवाओं को नया जीवन दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Oct 2020 08:05 PM (IST) Updated:Mon, 19 Oct 2020 05:15 AM (IST)
नमो देव्यै : कोरोना काल में बुजुर्गों में भरी जीने की चाह, बच्चों को दिया नया जीवन
नमो देव्यै : कोरोना काल में बुजुर्गों में भरी जीने की चाह, बच्चों को दिया नया जीवन

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बागबेड़ा हरहरगुट्टू निवासी योग शिक्षिका कुमकुम सिंह ने ओमशांति इंस्टीच्यूट ऑफ योगा के माध्यम से बुजुर्ग, बच्चों व युवाओं को नया जीवन दिया है। कोरोना संक्रमण के कारण जो बुजुर्ग परेशान हो गए थे। जीने की आस छोड़ दी थी वैसे बुजुर्गों के अंदर नई उमंग भरने का काम योग शिक्षिका ने किया है। कोरोना काल जो बुजुर्ग योग कक्षा में नहीं जा पा रहे थे। वैसे लोगों को वीडियो कालिग व फोन से योग की शिक्षा देने का काम योग शिक्षिका ने किया, ताकि शरीर की इम्युनिटी सिस्टम में इजाफा हो और कोरोना संक्रमण से बचाव हो सके। इतना ही नहीं वैसे बच्चों की दिशा को मोड़ने का काम किया जिन्हें कोरोना काल में आनलाइन क्लास के दौरान गेमिग की लत लग गई थी और बच्चे चिड़चिड़े होने के साथ साथ उनके स्वभाव में भी बदलाव करना शुरू कर दिया था। वे हिसक व जिद्दी प्रवृति को बनते जा रहे थे। आभिभावकों के आग्रह पर योग शिक्षिका निशुल्क बच्चों को कुछ देर के लिए योग सिखाने को तैयार हो गई, जबकि कुछ अभिभावक को योग की शिक्षा अपने अपने घर में ही बच्चों को देने के लिए जागरुक किया। शिक्षिका द्वारा यूट्यूब, फेसबुक के माध्यम से भी योग के प्रति जागरुक करने का काम कर रही है। कई गरीब बच्चों युवा व बुजुर्गों से मुफ्त में उन्हें योग का प्रशिक्षण दे रही है ताकि वे योग सीख कर किसी दूसरे व्यक्ति को मुफ्त में इसका प्रशिक्षण दे सके और शहरवासी रोगमुक्त हो सके। कुमकुम सिंह ने बताया कि प्रतिदिन 20-25 कॉल प्रतिदिन उनके पास आते हैं जिन्हें वे योग का अभ्यास कैसे करना है। कौन सा योग उनके लिए फायदेमंद है यह बताने के बाद वीडियो कालिग से उन्हें समझाने का प्रयास भी करती है ताकि सही तरह से वे योग कर सके। निस्वार्थ भाव से उनकी सेवा के देखकर आस पास ही नहीं दूर दराज से भी लोग उनके संपर्क में रहते है। इतना ही नहीं बच्चों में भी योग के प्रति जागरुकता बढ़ाने में शिक्षिका ने सफलता हासिल की है।

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