1939 में केरला क्लब के नाम से हुआ था समाजम का गठन

विश्वजीत भट्ट, जमशेदपुर : 1939 में केरला क्लब के नाम से केरला समाजम का गठन हुआ था। तब बर्मामाइंस में

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jun 2018 08:54 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jun 2018 08:54 PM (IST)
1939 में केरला क्लब के नाम से हुआ था समाजम का गठन
1939 में केरला क्लब के नाम से हुआ था समाजम का गठन

विश्वजीत भट्ट, जमशेदपुर : 1939 में केरला क्लब के नाम से केरला समाजम का गठन हुआ था। तब बर्मामाइंस में एक कंपनी क्वार्टर में समाज के लोग एकत्रित होकर क्लब के गठन की प्रक्रिया शुरू की थी। इसी साल सदस्यों व पदाधिकारियों ने कठिन परिश्रम से टाटा स्टील से वर्तमान बिल्डिंग (साकची) के लिए जमीन का एक टुकड़ा एलाट कराया। पैसे के अभाव में भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा था। सदस्यों ने थोड़े-थोड़े पैसे एकत्रित करके 1964 में क्लब के सिल्वर जुबिली समारोह में एक हॉल का निर्माण कार्य पूरा किया। इस उद्घाटन बिहार के तत्कालीन राज्यपाल इयंगा ने किया। हॉल के निर्माण के लिए क्लब को लोन भी लेना पड़ा था। हालत ये थी ये लोन चुकाने की भी व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। 1964 में ही स्व. एपीआर नायर कमेटी में आए। क्लब के लिए उनका समर्पण इस कदर था कि लगभग 10-15 साल तक उन्होंने हाउजी जैसे गेम का आयोजन करके क्लब के लिए पैसे एकत्रित किए। इससे लोन भी चुकाया गया और थोड़ा-थोड़ा करके भवन का निर्माण भी होने लगा। 1965 में टाटा स्टील के तत्कालीन एजुकेशन ऑफिसर केएम अब्राहम ने क्लब परिसर में ही सेंट जोसेफ के नाम से एक स्कूल शुरू किया। यह स्कूल एक साल भी नहीं चल पाया। अब्राहम ने स्कूल बंद करने का निर्णय लेकर स्कूल छोड़ दिया। तब स्कूल के प्राचार्य प्रो. करणाकरन की पत्‍‌नी ने स्कूल चलाने का बीड़ा उठाया, लेकिन 1975 में प्रो. करुणाकरन के निधन के बाद उन्होंने भी स्कूल को छोड़ दिया। अब स्कूल चलाने के लिए स्कूल की ही शिक्षिका लीला नायर आगे आई। फिर स्कूल में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई।

1980 में एपीआर नायर आगे आए और स्कूल चलाने का जिम्मा लिया। चार साल बाद 1984 में उन्होंने प्रस्ताव तैयार करके क्लब के इस स्कूल को केरला समाजम को सौंप दिया। उस समय स्कूल में 900 छात्र थे। इस दौरान स्कूल ने उल्लेखनीय प्रगति की। तब स्कूल में जगह बहुत कम थी। धीरे-धीरे करके आज तो विशाल भवन बन गया है। 1939 में क्लब के गठन के समय पहले अध्यक्ष बने आरएम वर्मा। 1980 में केरला क्लब केरला समाजम में परिवर्तित हो गया। 1981-86 तक सीआइ चाको, 1986-91 तक जीआर नायर और 1991 से 1996 तक पीवी नायर अध्यक्ष रहे। इस दौरान एपीआर नायर ट्रस्टी और स्कूल के इंचार्ज रहे। 1996 में एपीआर नायर चेयरमैन बना दिए गए और वे निधन 2015 तक चेयरमैन रहे। इस समय केपीजी नायर चेयरमैन हैं। इस समय स्कूल अपने नये भवन गोलमुरी में चला गया है और इसमें 3300 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। आठ-10 लोगों से शुरू हुए केरला क्लब से केरला समाजम में इस समय 1400 सदस्य हैं।

वर्तमान कमेटी

अध्यक्ष : सैमुअल वर्गीज

महासचिव : सुनील कुमार

ट्रेजरर : शिजू लाल

ट्रस्टी बोर्ड : टीके सुकुमारन, के मुरलीधरन

-----

ये काम करता है समाजम

-केरला समाजम मॉडल स्कूल का संचालन

-शाम के सत्र में ¨हदी मीडियम स्कूल में 1300 बच्चों को मुफ्त शिक्षा

-अगस्त-सितंबर में ओणम का आयोजन

-अप्रैल में विशू का आयोजन

-नवंबर में केरला पेरवी का आयोजन

-हर साल समाज के बच्चों व सदस्यों के लिए गीत, नृत्य, भाषण, निबंध, चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन

-इसके विजेताओं को केरला पेरवी के दिन पुरस्कार वितरण

-साल में एक बार सदस्यों व बच्चों के लिए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन

-----

रीडर कनेक्ट ::::::

केरला समाजम अपनी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने को तत्पर रहने वाला संगठन है। सदस्यों की निष्ठा और सक्रिय सहयोग के कारण ही इतना बड़ा संगठन बेहतरीन काम कर पा रहा है।

-केपीजी नायर, चेयरमैन

-----

सदस्यों के सहयोग से संगठन उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है। हम असमर्थ बच्चों को मुफ्त शिक्षा तो दे ही रहे हैं, साल में एक बार सदस्यों से सहयोग लेकर एक बड़ी रकम समाज के अन्य लोगों के लिए दान भी करते हैं।

-सुनील कुमार, महासचिव

------

chat bot
आपका साथी