हो समाज ने समारोह पूर्वक मनाई ओत गुरु कोल लाको बोदरा की 100वीं जयंती

आदिवासी हो समाज ने गुरुवार को ओत गुरु कोल लाको बोदरा का 100वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाया। इस अवसर पर जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Sep 2019 10:00 AM (IST) Updated:Sat, 21 Sep 2019 06:40 AM (IST)
हो समाज ने समारोह पूर्वक मनाई ओत गुरु कोल लाको बोदरा की 100वीं जयंती
हो समाज ने समारोह पूर्वक मनाई ओत गुरु कोल लाको बोदरा की 100वीं जयंती

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : आदिवासी हो समाज ने गुरुवार को ओत गुरु कोल लाको बोदरा का 100वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाया। इस अवसर पर जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए। मुख्य कार्यक्रम आदिवासी हो मसाज युवा महासभा द्वारा सिदगोड़ा स्थित बिरसा मुंडा टाउन हॉल में आयोजित किया। यहां रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ समाज के लोगों ने अपने गुरु का वंदन किया। हो भाषा वारंग क्षिति लिपि के जनक ओत गुरु कोल लाको बोदरा के 100वीं जयंती समारोह का शुभारंभ अतिथियों ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रदाजलि अर्पित कर की। मौके पर बतौर मुख्य अतिथि घाटशिला के विधायक लक्ष्मण टुडू ने कहा कि उनका हमेशा प्रयास रहता है कि हो भाषा को 8वीं अनुसूचि में जगह मिले ताकि लिपि और भाषा का विकास तेजी से होने के साथ रोजगार के अवसर खुल सके। मौके पर जिला परिषद के उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने कहा कि ओत गुरु कोल लाको बोदरा के बताए रास्ते पर चलकर समाज के युवाओं को भाषा का प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पर्यवारण व प्रकृति से प्रेम किस प्रकार से किया जाता है, दुनिया को इसे आदिवासियों से सीखने की जरूरत है। कार्यक्रम में टाटा स्टील के सीएसआर चीफ सौरभ राय ने कहा कि कंपनी वारंग क्षिति लिपि का प्रचार-प्रसार पिछले सात वषरें से कर रही है। साक्षरता कार्यक्रम के माध्यम से सामुदाय को वारंग क्षिति लिपि के प्रति जागरूक करने का काम कर रही है। उपस्थित लोगों को मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पवन अग्रवाल ने भी संबोधित किया। इसके पूर्व स्वागत भाषण सुरा बिरुली ने दिया जबकि मंच संचालन दुगाई कुंकल ने किया।

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सम्मानित हुए लोग

100वीं ओत गुरु कोल लाको बोदरा जयंती के अवसर पर हो भाषा के साहित्यकार डोबरो बिरुली और प्रो. जानुम सिंह सोय, हो कलाकार श्याम बोबोंगा, राजूराज बिरुली, रॉबिन तियु और गंगारानी थापा, रेल रोको आदोलनकारी मोसो सोय, डाडू हेम्ब्रम, कान्हाई हेम्ब्रम, बाबूराम जारिका, चैतन्य पूर्ति, दुगाई कुंकल, बासमती सिदु, शाति सिदु, उपेंद्र बानरा, सुशील सवैया, लाडू देवगम, रायसिंह बिरूवा, दुर्गाचरण बारी और सुरा बिरुली को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही सत्र 2018-19 के हो भाषा के टॉप टेन विद्यार्थियों के अलावा रेणा-सेणा यानी वाद-विवाद, चित्राकन व भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

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रन फॉर वारांग क्षिति में दौड़ा समाज

ओत गुरु कोल लाको बोदरा के 100वीं जयंती पर गुरुवार को आदिवासी हो समाज, बागुनहातु के बैनर तले शिवचरण बारी के नेतृत्व में 'रन फॉर वारांग क्षिति' आयोजित की गई। पिछले कुछ वषरें से भारतीय व आदिवासी कला-संस्कृति धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। इसको ध्यान में रखते हुए हो समाज के युवाओं ने लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से रन फॉर वारांग क्षिति का आयोजन किया। कार्यक्रम में समाज के कई संगठन शामिल हुए। रन फॉर वारांग क्षिति के माध्यम से लोगों के बीच अपने मातृभाषा हो के महत्व को बढ़ावा देने, आदिवासी संस्कृति को बचाए रखने व सभी स्कूल-कॉलेज के पाठ्यक्रम में हो भाषा शामिल करने का संदेश दिया गया। रन फॉर वारांग क्षिति बागुनहातु देशाउली से प्रारंभ होकर लाको बोदरा चौक, सीतारामडेरा में समाप्त हुआ। आयोजन में पूर्वी सिंहभूम के अलावा पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला-खरसावा जिला से भी समाज के युवा शामिल हुए। रप फॉर वारांग क्षिति को महिला उद्यमी चादमनी कुंकल ने झडा दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में रवि सावैंया, उपेंद्र बांडरा, लादू देवगम, राजेश काडेयोंग, महिंद्र चांपिया, लक्ष्मण हेम्ब्रम, राजा तुबिड, साधु हो, सरस्वती सावैंया, गोमिया सुंडी समेत कई लोगों ने योगदान दिया।

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अखिल भारतीय आदिवासी महासभा ने दी श्रद्धांजलि

फोटो : 19जेएमडी005डी

सोनारी स्थित ट्राइबल कल्चर सेंटर में स्थापित ओत गुरु कोल लाको बोदरा की प्रतिमा पर अखिल भारतीय आदिवासी महासभा ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। मौके पर महासभा के सदस्यों ने उनके बताए चलकर समाज को नई दिशा देने का संकल्प लिया। श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में राज बांकिरा, लालमोहन जामुदा, लक्ष्मी पाड़ेया, सावन बारी, इंदर हेम्ब्रम, रंजीत बाकिरा, अर्जुन गागराई, संध्या देवगम, समांती देवगम, राधा समेत कई लोग शामिल थे।

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जगह-जगह दह गई श्रद्धांजलि

फोटो : 19जेएमडी006डी

ओत गुरु कोल लाको बोदरा की 100वीं जयंती पर शहर में जगह-जगह श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सीतारामडेरा स्थित उनकी आदमकद प्रतिमा पर आदिवासी हो समाज युवा महासभा के अध्यक्ष राजेश कांडेयोंग के नेतृत्व में श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। मौके पर विष्णु बानरा, संगीता सामड, मेंजो सामड, दुर्गामुनि, महावीर पाड़ेया, जीतेंद्र कांडेयोंग, लता, रोहित, जीतू, उपेंद्र, सुशील आदि शामिल थे। वहीं शंकोसाई रोड़ नंबर पांच स्थित ओत गुरु कोल लाको बोदरा के आमदकद प्रतिमा पर समाज के लोगों ने माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

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