कोल्‍हान विवि सीनेट चुनाव, प्रतिनियुक्‍त कर्मचारी कर रहा पे फिक्‍सेशन कराने का दावा, मांग रहा वोट

कोल्हान विश्वविद्यालय में 28 फरवरी को सीनेट चुनाव होने वाला है। इस चुनाव में कर्मचारी प्रतिनिधि के एक पद को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस पद का एक प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने के लिए गलत दावे कर रहा है। इस तरह के दावे का विरोध शुरू हो गया है।

By Vikas SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 27 Feb 2022 04:48 PM (IST) Updated:Sun, 27 Feb 2022 05:16 PM (IST)
कोल्‍हान विवि सीनेट चुनाव, प्रतिनियुक्‍त कर्मचारी कर रहा पे फिक्‍सेशन कराने का दावा, मांग रहा वोट
कोल्हान विश्वविद्यालय में 28 फरवरी को सीनेट चुनाव में कर्मचारी प्रतिनिधि के एक पद को लेकर घमासान मचा हुआ है।

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। कोल्हान विश्वविद्यालय में 28 फरवरी को सीनेट चुनाव होने वाला है। इस चुनाव में कर्मचारी प्रतिनिधि के एक पद को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस पद के लिए एक प्रत्याशी कोल्हान विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्त कर्मचारी प्रत्युष पाणि मतदाताओं को लुभाने के लिए इस तरह अपील कर रहे हैं कि जैसे वह सबसे ज्‍यादा पावरफुल हैं। उन्होंने अपनी अपील में कहा कि कर्मचारियों का वेतन निर्धारण कराने में उनके द्वारा महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं। कर्मचारियों के पदों के सत्यापन में भी उनका बहुत बड़ा हाथ है।अन्‍य कर्मचारियों की ओर से इसतरह के दावे का विरोध शुरू कर दिया गया है।अन्‍य कर्मचारियों का कहना है कि ये दोनों कार्य हाईकोर्ट में लंबित मामलों के कारण हुए हैं। इन मामलों में हाईकोर्ट के निर्देश के कारण उच्च शिक्षा निदेशालय व कोल्हान विश्वविद्यालय ने तीव्रता दिखाई थी। ऐसा नहीं होने पर यह अवमानना का मामला बनता।

अवमानना का मामला दायर करने की तैयारी

इधर, प्रतिनियुक्‍त कर्मचारी की इस तरह वोट मांगने की अपील को लेकर झारखंड विश्वविद्यालय/महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह सीनेट प्रत्याशी एबीएम कालेज के रमेश चंद्र ठाकुर ने सीनेट चुनाव के मुख्य निर्वाची पदाधिकारी को अवगत करा दिया है कि वे चुनाव के बाद प्रतिनियुक्त कर्मचारी के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना का मामला दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर प्रत्युष  कर्मचारियों का हितैषी होता तो कर्मचारियों का भला हो जाता है। इस प्रतिनियुक्त कर्मचारी के कारण ही कर्मचारियों की संचिका दबी रहती है। इसी के कारण कर्मचारी हाईकोर्ट भी जा रहे हैं। उसके बाद वहां से न्याय मिलता है। विगत तीन साल से कर्मचारियों को कृतकारी भत्ता नहीं मिल रहा है, क्योंकि प्रतिनियुक्त कर्मचारी को यह लाभ नहीं मिलने वाला। इस कारण वे संचिका को आगे नहीं बढ़ा रहे हैं। मुख्य निर्वाची पदाधिकारी को बताया प्रतिनयुक्त कर्मचारी को कोर्ट वीसी, रजिस्ट्रार से बड़े हो गए है। भगवान उन्हें सदबुद्धि दे।

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