तमिलनाडु से बचकर आई 'बंधुआ' रही कापरा न बोल पा रही न चल पा रही

झारखंड की बेटियों को तमिलनाडु में बंधक बनाए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। इस मामले को लेकर झामुमो राजनीतिक रंग देने लगा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 10 Apr 2018 09:09 PM (IST) Updated:Tue, 10 Apr 2018 09:09 PM (IST)
तमिलनाडु से बचकर आई 'बंधुआ' रही कापरा न बोल पा रही न चल पा रही
तमिलनाडु से बचकर आई 'बंधुआ' रही कापरा न बोल पा रही न चल पा रही

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : झारखंड की 700 बेटियों के तमिलनाडु में 'बंधुआ' बने होने का समाचार प्रकाशित होने के बाद झामुमो के कई नेता मंगलवार को इस मामले को ले एसएसपी व उपायुक्त से मिले तथा मामले में प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग की। झामुमो जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन ने मामले को काफी गंभीर बताते हुए कहा कि यह कौशल विकास की पोल खोल रहा है। कौशल विकास के नाम पर झारखंड की बेटियों को तमिलनाडु व अन्य राज्यों में भेजा जा रहा है। जहां उन्हें 4 से 5 हजार रुपया मासिक भुगतान देकर 12 घंटे से अधिक काम कराया जा रहा है। इधर तमिलनाडु से किसी तरह बचकर आई कापरा मुर्मू को बेहतर स्वास्थ्य लाभ के लिए उपायुक्त से समुचित इलाज की मांग की गई। उसके बाद कापरा को सदर अस्पताल भेजा गया। ज्ञात हो कि कौशल विकास योजना के तहत कपरा मुर्मू एवं कई युवतियों को झारखंड से तमिलनाडु काम के लिए भेजा गया था परंतु उस लड़की के साथ तमिलनाडु में काम के बजाय शोषण किया जा रहा था और आज लड़की का स्थिति यह है कि वह न बोल पा रही है और ना चल पा रही है । कापरा को सदर अस्पताल में भर्ती किए जाने के झामुमो का एक प्रतिनिधिमंडल अस्पताल जाकर कापरा मुर्मू से मुलाकात की और उनका कुशल क्षेम पूछा। कापरा को झामुमो की ओर से भरोसा दिलाया गया है कि उनका समुचित इलाज करवाया जाएगा। मौके पर झामुमो जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन के अलावा जिला उपाध्यक्ष सागेन पूर्ति, जिला पार्षद संजीव सरदार, जिला पार्षद बाघराय मार्डी, पलटन मुर्मू, बहादुर किस्कू, मनोज नेहा, राजू राणा, सुखविंदर सिंह, विक्रम, राजा पूर्ति एवं अन्य मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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