Jharkhand Medical College Issues: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मेडिकल कॉलेज को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर साधा निशाना
Jharkhand Medical College Issues पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने मेडिकल काॅलेजों को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है। रघुवर दास ने कहा कि सरकार को छात्रों की चिंता नहीं है।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से रघुवर दास ने कहा है कि राज्य के तीनों नये मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के मानकों के अनुरूप व्यवस्था जल्द उपलब्ध कराएं। रघुवर दास ने कहा है कि समय से मानक पूरे नहीं किये गये, तो पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी झारखंड के मेडिकल के छात्रों को नुकसान सहना पड़ेगा। यह छात्रों के भविष्य के साथ राज्य की छवि को भी खराब करेगा।
पत्र में लिखा कि 2014 के पूर्व झारखंड में तीन मेडिकल कॉलेज थे। 2014 से 2019 के बीच राज्य में पांच नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गयी। इससे राज्य में 300 एमबीबीएस की सीटें बढ़ने का रास्ता साफ हुआ। लेकिन 2019 में सरकार बदलने के साथ ही इस क्षेत्र में काम की गति मंद पड़ गयी। इस कारण झारखंड के होनहार छात्रों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। या तो छात्र अच्छे नंबर लाकर भी नामांकन से वंचित हो जा रहे हैं या दूसरे राज्यों में जाकर मेडिकल की पढ़ाई करनी पड़ रही है। दोनों स्थिति में नुकसान झारखंड का ही हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले सत्र में डाल्टनगंज, दुमका और हजारीबाग के तीन नए मेडिकल कॉलेजों में मेधावी छात्रों के प्रवेश को लेकर इस सरकार को बिलकुल भी चिंता नहीं है।
भाजपा सरकार में हुइ तीन नए मेडिकल काॅलेजों की स्थापना
रघुवर दास ने कहा कि राज्य के लोगों और युवाओं को बताना चाहता हूं कि 2014 से पहले हमारे राज्य में सिर्फ तीन मेडिकल कॉलेजों में 280 दाखिले की क्षमता थी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी केंद्रीय टीम ने राज्य में हमारी टीम के साथ बहुत मेहनत की। प्रधानमंत्री के सहयोग से झारखंड में तीन नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की। लेकिन आपकी सरकार की ढुल-मूल रवैये के कारण पिछले सत्र 2020-21 में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा अनुमति नहीं दी गयी। अब इस सत्र 2021-22 में भी ऐसी ही स्थिति दिखाई दे रही है।ऐसा होने पर इन तीन नए मेडिकल कॉलेजों में एक-एक सौ (कुल तीन सौ) छात्र प्रवेश से बाहर हो जाएंगे। छात्रों के भविष्य को बचाने के लिए आपकी सरकार ने कोई संवेदना नहीं दिखाई। प्रधानमंत्री ने संथाल परगना में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के उद्देश्य से देवघर में एम्स की स्थापना की। अभी 100 बच्चों का नामांकन किया गया है। यहां ओपीडी शुरू हो गया है एवं बड़ी संख्या में लोग इसका लाभ ले रहे हैं। डाल्टेनगंज के पोखराहा में मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज संकायों की भारी कमी का सामना कर रहा है। आग्रह है कि मानकों के तहत यथाशीघ्र सुविधा उपलब्ध कराई जाए, ताकि झारखंड के छात्र भी इसका लाभ ले सकें।